जमशेदपुर : बंग बंधु संस्था ने चाकुलिया के स्थानीय लोगों की भावना को सम्मान देते हुए स्टेशन के नाम का साइन बोर्ड बांग्ला भाषा में पुनः स्थापित करने की मांग की है. इसे लेकर गुरुवार को बंग बंधु संस्था के प्रतिनिधि अपर्णा गुहा के नेतृत्व में जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो से मुलाकात की. उन्हें बताया गया कि एक समय टाटानगर से चाकुलिया और टाटानगर से रांची के बीच सभी रेलवे स्टेशनों के नाम रेलवे साइन बोर्ड में न केवल बांग्ला भाषा को प्रमुख स्थान दिया जाता था बल्कि ट्रेन आवागमन संबंधी घोषणा भी बांग्ला भाषा में ही की जाती थी. लेकिन किसी अज्ञात कारण से बांग्ला भाषा की प्राधान्यता को धीरे-धीरे समाप्त किया जाने लगा है, जो स्थानीय बांग्ला भाषी लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. संस्था के लोगों ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले के अधिकांश लोगों की बोलचाल की भाषा बांगला है. (नीचे भी पढ़ें)
इस जिले के चाकुलिया ब्लॉक में लगभग 80 फीसदी लोगों की मातृभाषा बांग्ला है, लेकिन हाल में चाकुलिया रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किए जाने के दरम्यान स्टेशन के नाम का रेलवे साइन बोर्ड से बांग्ला को एकाएक हटा दिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों के भावना को ठेस पहुंची है. प्रतिनिधियों ने झारखंड के बांग्ला भाषी समाज के साथ पूर्वी सिंहभूम जिला के बांग्ला भाषी जनता की ओर से झारखंडी बांग्ला समाज की असुविधा को संज्ञान में लेते हुए चाकुलिया स्टेशन के नाम का रेलवे साइन बोर्ड से हटाए गए बंगाली भाषा को पुनः यथावत स्थान दिए जाने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर जन आंदोलन की रास्ता अख्तियार करने की चेतावनी भी दी. प्रतिनिधिमंडल में अपर्णा गुहा, तोरीत भोमिक, सुभाष सिंहराई, मदन सरकार, पुरवी घोष, अचिंतम गुप्ता, सरबानी नंदी, राजेश रॉय, जुड़ान मुख़र्जी, स्वपन कुमार दास, कोमल चक्रवर्ती, मलोय दास, बी पाल आदि शामिल थे.