जमशेदपुर : जमशेदपुर के परसुडीह से जानेगोड़ा निवासी सेवानिवृत शिक्षिका प्यारी कश्यप के खाते से चेक का क्लोनिंग कर 9 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी. इस मामले में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. अनुसंधान में साइबर पुलिस को यह पता चला है कि जो मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड है उसे रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के मेन रोड स्थित एयरटेल स्टोर से रिप्लेस किया गया था. इसमें एयरटेल स्टोर की संलिप्तता भी सामने आ रही है. सिम को रुपये की निकासी के पांच दिन पहले यानी 16 अक्टूबर को रिप्लेस किया गया था. इसके लिए साइबर अपराधियों ने एयरटेल स्टोर के कर्मचारी को रुपये भी दिए. वहीं साइबर अपराधियों द्वारा सिम रिप्लेसमेंट के लिए दिये गये कागजात भी फर्जी निकले.
उनके द्वारा दिए गए आधार कार्ड में नाम की तरफ सभी ठीक है पर दूसरी ओर पता रांची का बताया गया है. इसकी जांच के लिए साइबर पुलिस की एक टीम रांची रवाना हो गई है.कई और राज खुलना बाकी : इस मामले में बैंक कर्मियों की भी संलिप्तता सामने आ रही है. पुलिस का मानना है कि इसके लिए एक पूरा गैंग काम कर रहा है, जो कि जिसमें बैंक कर्मियों से लेकर सिम रिप्लेस करने वाले स्टोर के कर्मी भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा.हस्ताक्षर जांच बगैर ही ट्रांसफर हो गए 9 लाख रुपये : पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि जब प्यारी कश्यप के खाते में केवाईसी पूरी नहीं थी तो इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर कैसे हो गई. वहीं इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए एसबीआई बैंक द्वारा बैंक के मैनेजर सत्यापन करते हैं. साथ ही सत्यापन करने के लिए खाता धारक को भी फोन किया जाता है. यही कारण है कि साइबर अपराधियों ने प्यारी का सिम रिप्लेस कर दिया.
चेक क्लोनिंग कर निकाल लिए थे 9 लाख रुपये : बता दें कि साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत शिक्षिका प्यारी कश्यप के खाते का चेक क्लोन कर रांची के रातू के केनरा बैंक से 9 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए थे. जबकि उस नंबर का चेक उनके पास ही था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.