जमशेदपुर:चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत राउरकेला व चक्रधरपुर स्टेशन में आरपीएफ की ऑपरेशन आहट टीम ने 23 बालिग व नाबालिग लड़कियों को रेस्कयू कर बड़ी कामयाबी हासिल की है. सभी युवतियों को तमिलनाडु जाना था, हालाकि दो के पास ही केवल वैध टिकट पाए गए. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आरपीएफ ने उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है. इससे यह बात को साफ हो गई है कि झारखंड के आदिवासी युवतियों को रुपये की लालच में दूसरे राज्यों में भेजा जाना सच साबित करता है. हालाकि इस गिरोह के पीछे के लोग अब तक रेल प्रशासन के हत्थे नहीं लगे हैं. जानकारी के अनुसार बुधवार 27 अप्रैल को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में 15 लड़कियां संदेहास्पद अवस्था में बैठी थी. जिनमें चार बालिग व 11 नाबालिग थी.(नीचे भी पढे)
संदेह होने पर एंटी ह्यूमेन यूनिट के सदस्य तथा ड्याटू में तैनात रेलवे सुरक्षा बल सदस्यों द्वारा पूछताछ करने पर पता चला कि वह एर्नाकुल्लम एक्सप्रेस से तमिलनाडु के चेन्न्ई जाने वाली थी. आगे की पूछताछ करने पर सभी के जवान संतोष जनक नहीं थे. तब उन लड़कियों को कार्रवाई के लिए चाइल्ड लाइन गोइलकेरा को सुपुर्द कर दिया गया. इधर, शुक्रवार को राउरकेला स्टेशन में चार बालिग व चार नाबालिग लड़कियों को संदेहास्पद अवस्था में बैठे देख पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि वे बाम्बे मेल एक्सप्रेस से चेन्नई जा रही है. इनमें से दो लड़कियों के पास वैध टिकट पाए गए. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन आठों को राउरकेला सखी सहेली संस्था को उचित कार्रवाई के लिए आरपीएफ ने सौंप दिया.