Bahragoda : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार मुलाकात की. इस दौरान कुणाल षाड़ंगी ने राज्यपाल से कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के पीजी विभाग की आधारभूत संरचना की स्थिति अत्यंत दयनीय है. कोल्हान विश्वविद्यालय में संथाली, मुंडारी, हो जैसे भाषाओं के लिए स्वतंत्रत विभाग बनाएं जाने की जरूरत है, ताकि उन भाषाओं में पढ़ाई करने वाले छात्रों-छात्राओं को इन विषयों में उच्च शिक्षा लेने में आसानी हो. साल 2012 में पीएचडी के 2 दर्जनों से ज्यादा छात्रों के अभी तक निबंधित नही होने के कारण उनको अभी तक पीएचडी का डिग्री नही मिल पायी है. वाइवा 2017 से निलंबित है. राज्य में बेरोजगारी की दर देश के औसत से काफी ऊंची है.
राज्यपाल से श्री षाड़ंगी ने कहा कि लाखों प्रवासी मजदूर लॉक डाउन के समय घर वापस आये थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध नही हो पाने के कारण वे फिर से पलायन करने को मजबूर हैं. इस संबंध पर राज्य सरकार की कोई भी कार्ययोजना धरातल पर नही दिख रही है. जेएसएससी की मनमानी के कारण पंचायत सचिव के अभ्यार्थियों का डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन होने के बाबजूद नियुक्ति से वंचित हैं. जेएसएससी की लापरवाही के चलते 8 जिलों के इतिहास, नागरिक और कोई जिलों के सांस्कृतिक व संगीत विषय के अभ्यर्थी हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह गए, जबकि हाईकोर्ट के आदेश में नियुक्ति प्रकिया पर कोई रोक नही है. कुणाल षाड़ंगी ने इन विषयों पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से सरकार को उचित दिशा निर्देश देने का आग्रह किया है.