चाकुलिया : एक बार फिर चाकुलिया बाजार में गजराज आ पहुंचा। मंगलवार की सुबह चाकुलिया के उत्तर दिशा के कुचियाशोली गांव होते हुए मुख्य पथ होते हुए हाथी चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र के नामोपाड़ा होते हुए बिरसा चौक पहुंचा। मुख्य पथ पर हाथी के आने की सूचना पाकर हाथी देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हाथी के बाजार में प्रवेश करने की सूचना पाकर वन विभाग के कर्मी भी बाजार पहुंचे और ग्रामीणों के साथ हाथी को बेंद जाने वाली मुख्य पथ होते हुए हाथी को ले गए। बाजार की सभी दुकानें खुली रही और ग्रामीणों की भीड़ हाथी के आगे पीछे चल रही थी। (नीचे भी पढ़ें और वीडियो देखें)
हाथी अपनी धुन पर सड़क पर चल रहा था। मुख्य पथ होते हुए हाथी चाकुलिया शहर होकर गुजर गया। किसी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया। ज्ञात हो कि इसके पूर्व भी हाथी कई बार नगर पंचायत क्षेत्र के बाजार में प्रवेश कर चुका है।वर्ष 2014-15 में हाथी दिघी गांव से मुख्य पथ से वन विभाग कार्यालय होते हुए मुख्य सड़क से होकर बिरसा चौक होते हुए कुचियाशोली की और चला गया था।वही इसी वर्ष हाथी प्रखंड कार्यालय से सटे नगर पंचायत कार्यालय से सटे एफसीआई गोडाउन का दरवाजा तोड़ दिया था और बाजपेई नगर कॉलोनी में भी प्रवेश कर गया था। (नीचे भी पढ़ें)
जान जोखिम में डाल हाथी के साथ चल रही थी ग्रामीणों की भीड़,हाथी रहा शांत
चाकुलिया में मंगलवार की सुबह चाकुलिया – शिशाखुन मुख्य पथ होते हुए एक जंगली हाथी बाजार में प्रवेश कर गया।हाथी को देखने के लिए ग्रामीण इतने उत्सुक थे की अपनी जान की भी परवाह नहीं की। ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डालकर ग्रामीणों की भीड़ हाथी के आगे पीछे चल रहे थे।गनिमत था कि हाथी काफी शांत स्वभाव का था नही तो कुछ भी दुर्घटना घट सकती थी। हाथी के आगे पीछे जुटी ग्रामीणों की भीड़ हाथी के साथ ऐसे चल रहे थे मानों भीड़ किसी हाथी को नही बल्कि किसी पालतू जानवर को हांकते हुए मुख्य सड़क से ले जा रहें हो। ग्रामीणों की भीड़ के शोर गुल से कभी कभार हाथी भी गुस्से में आ जा रहा था,हाथी के पीछे मुड़ते ही भीड़ में भगदड़ मच जाता था।भीड़ में ग्रामीण अपनी जान लेकर दौड़ रहे थे इस बीच कई ग्रामीण सड़क पर गिर भी रहे थे फिर भी ग्रामीणों की भीड़ उत्सुकता में अपनी जान की परवाह किए बगैर फिर भीड़ हाथी के पीछे चल पड़ता था।ऐसा मंजर देख प्रतीत होता था की मानो लोगों की समझ से ज्यादा हाथी में समझदारी हो।हाथी मुख्य सड़क से शांत रहकर बाजार से किसी भी तरह की नुकसान किए बगैर बाजार से होते हुए बेंद सड़क पकड़कर कांकड़ीशोल गांव की और चला गया।