बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड के मधुआबेड़ा, गोहालडीहा, गुहियापाल, जारापाड़ा, चकमारा और नारायणडीही मौजा के लगभग 200 एकड़ खेत सिंचाई के अभाव में बंजर पड़े हैं. मौजा में सिंचाई व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. बरसात के मौसम में भी यहां बेहतर खेती नहीं हो पाती है. किसान सिंचाई के अभाव के कारण खेती के लिए पूर्ण रूप से मौनसून पर निर्भर रहते हैं.
अब स्वर्णरेखा नदी में चड़कमारा घाट से मधुआबेड़ा जलाशय में तब्दील हो गया है. इस संचय जल का किसान उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. यहां ट्रांसफॉर्मर व समरर्सिबल की व्यवस्था हो जाये, तो किसानों के अच्छे दिन लौट सकते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान गरम धान की खेती नहीं कर सकते हैं. विद्युत संयोजन व संचालन नहीं होने के कारण किसानों के 200 एकड़ जमीन बंजर पड़े हुए हैं. किसानों का कहना है कि सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों की भूमी बंजर पड़ी है. कहा कि सरकार की मदद की जरूरत है, यहां सिंचाई की व्यवस्था हो तो किसानों के दिन बदल जाएंगे और सालों भर खेती कर लाभान्वित होंगे. किसानों ने मांग की है कि जलाशय से इस गांव और मौजा के किसान को रबी और खरीफ के फसल के लिए सिंचाई की व्यवस्था की जाएं.