खबरjamshedpur-rural-गालूडीह में आदिम जनजाति सबरों की हुई नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच
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jamshedpur-rural-गालूडीह में आदिम जनजाति सबरों की हुई नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच

राशिफल

गालूडीह : घाटशिला के गालूडीह में बुधवार को बड़ाखुर्शी पंचायत के दारिसाई सबर बस्ती में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें सभी सबर परिवारों का नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच किया गया. शिविर में अनुमंडल अस्पताल से आये चिकित्सक डॉ उदय प्रकाश एवं उनकी टीम के द्वारा 20 मरीजों का जांच किया गया. इसके अलावा शिविर में मलेरिया 10, टीबी 8 और 20 लोगों का बीपी जांच किया गया. साथ ही आवश्यक दवाइयां भी दी गई. बता दें कि दारिसाई सबर बस्ती के सबरों की स्थिति बहुत ही दयनीय है. बस्ती के ज्यादातर सबर टीबी बीमारी से पीड़ित है. शिविर में मुख्य रूप से एएनएम शिखा सामंत, एमपीडब्ल्यू सुरेश मुंडा, गोविंद रजक, असीम महतो, राज दास, सहिया पार्वती दास, लखि प्रिया महतो, गीता गोप, कल्पना महतो, सपना सिंह, सेविका दीपाली सिंह आदि उपस्थित थे. (नीचे भी पढ़ें)

बस्ती में असमय मौत का सिलसिला जारी- दारिसाई सबर बस्ती में लगातार मौत का सिलसिला जारी है. बस्ती के खैसा सबर बीते कई महीनों से बीमार था. मंगलवार को इलाज के दौरान जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में युवक ने दुनिया को अलविदा कह दिया. युवक लंबे समय से एक अज्ञात बीमारी से पीड़ित था. इसके अलावा भी कई सबर है, जो असमय दुनिया छोड़ चुके हैं. बस्ती में अभी 12 परिवारों में मात्रा 23 सबर जीवित है. (नीचे भी पढ़ें)

आदिम जनजाति सबर जान बचाने में सरकार नाकाम- झारखंड के लुप्तप्राय आदिम जनजाति सबर खतरे में हैं. खतरा इसलिए बड़ा है, क्योंकि इनकी बची-कुची आबादी 45 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दे रही है. इससे ये इशारा साफ मिल रहा कि सबर जनजाति अपनी पूरी जिंदगी भी नहीं जी पा रहे हैं. कम उम्र में ही वे गंभीर बीमरी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. सरकार उनकी जान बचाने में नाकाम साबित होते नजर आ रहे है. जबकि उनके लिए सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये खर्च कर कई योजनाएं संचालित हो रही हैं.

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