प्रकाश दास / गालूडीह : केंद्र सरकार ने बड़े जोरशोर के साथ उज्ज्वला योजना घर घर तक पहुंचाई थी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को केंद्र सरकार की ओर से जबरदस्त सफल योजना घोषित किया गया है। भारत में इस समय 30 करोड़ से ज्यादा घरेलू रसोई गैस कनेक्शन हैं। इनमें से करीब 9 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए हैं।योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को निःशुल्क गैस सिलेंडर का लाभ दिया गया। जिससे ग्रामीण रसोई में चुल्हे के बजाएं उज्ज्वला गैस ने जगह बनाई थी। इधर बड़ाखुर्शी पंचायत के ग्रामीण महिलाएं जान जोखिम में डालकर नेशनल हाईवे पार कर लकड़ियां ला रही है। जिससे कभी भी कोई दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। गरीबी में गुजरा करनेवाले लोगों के लिए अब गैस खरीदना नामुमकीन सा हो गया। जिसके चलते अब फिर से रसोई में उज्ज्वला गैस की जगह फिर से चूल्हे जलने लगे है। ऊपर दी गई तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि सरकार की उज्ज्वला योजना कहा तक सफल है। (नीचे भी पढ़ें)
महंगा हुआ गैस सिलेंडर
ग्रामीण महिलाएं उस समय खुद को खुशकिस्मत समझ रही थी. जब उनके घर जाकर एक रसोई गैस सिलेंडर, एक स्टील का गैस चूल्हा और सब्सिडी हर महीने खाते में आने का भरोसा दिया गया था. ग्रामीणों ने कहा कि उसके बाद कोई देखने नहीं आया कि हम किस हाल में जी रहे हैं। एक महिला ने कहा कि अभी हमारे पास सिलेंडर भराने के पैसे नहीं है। इतना महंगा गैस सिलेंडर हो गया है कि अब हमने गैस सिलेंडर को साइड में रख दिया है। अब हम लकड़ी से बने चूल्हे पर खाना पका रहे हैं।