घाटशिला : घाटशिला के बेनाशोल गांव निवासी शहीद दिलीप बेसरा की शहादत दिवस पर शहीद के गांव बेनाशोली में मंगलवार की शाम समाजसेवी सह डॉक्टर सुनीता देवदूत सोरेन गांव पहुंचकर ग्रामीणों के साथ शहीद की मूर्ति पर माल्यार्पण कर और मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी. डॉक्टर सुनीता देवदूत सोरेन ने कहा कि शहीद दिलीप बेसरा ने शहीद होकर क्षेत्र और अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
गांव के युवक उन्हें अपना आदर्श मानकर युवा देश की सेवा और समाज के विकास में अपनी योगदान दे तभी सही मायने में शहीद को श्रद्धांजलि होगी. शहीद दिलीप बेसरा कश्मीर के हाया जिले में 3 मई 2006 को दुश्मन से लोहा लेते समय बेनाशोल का लाल देश की सीमा रक्षा करते हुए शहीद हो गया. डॉक्टर सोरेन ने कहा कि शहीद दिलीप बेसरा युवाओं के प्रेरणास्त्रोत है. आज के समय में हमारे देश के युवा फिल्मी सितारों, क्रिकेटर व अन्य बड़े हस्तियों को अपना प्रेरणा स्त्रोत मान रहे है, लेकिन वास्तव में युवाओं के लिए शहीद दिलीप बेसरा ही प्रेरणा होना चाहिए.
वतन की रक्षा में शहीद होने का अवसर हर किसी को नहीं मिलता. मैं उस मां को सलाम करना चाहूंगी जिसने शहीद दिलीप बेसरा जैसे बहादुर को जन्म दिया. मौके पर शौर्य चक्र विजेता मोहम्मद ज़ावेद ने कहा कि हमे आज बड़ा गर्व हो रहा है कि ऐसा वीर शहीद हमारे क्षेत्र का था. आज भले ही दिलीप बेसरा हमारे बीच नहीं है लेकिन उन की वीर गाथा हमेशा इतिहास के पन्नों पर दर्ज रहेगा.
प्रोफेसर मित्रेश्वर ने कहा की देश के लोग हमेशा वीर शहीदों को सम्मान देने का काम करते रहे हैं शहीद दिलीप बेसरा के बलिदानों को हमेशा याद रखा जाएगा दिलीप जैसे पुत्र को जन्म देने वाली मां -बाप को भी आज उनके बलिदानों पर गर्व होगा. इस अवसर पर जिला पार्षद पूर्णिमा कर्मकार, प्रोफेसर इंदल पासवान,नीमा रजक, बहादुर सोरेन समेत अन्य उपस्थित थे.