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jamshedpur- rural- बंगाल सीमा से सटे चाकुलिया में कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा तीन जुलाई को, पूजा सादगी से मनाने का लिया गया निर्णय

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चाकुलिया : झारखंड की संस्कृति से जुड़ी है पहाड़ पूजा. कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा की महत्व जमशेदपुर ही नही बल्कि झारखंड, ओड़िशा और बंगाल में भी है. इस पहाड़ पूजा के महत्व तीनों राज्य के लोगों की आस्था से जुड़ी हुई है कन्हाईश्वर पहाड़ पूजा. कन्हाईश्वर पहाड़ की पूजा करने के लिए हर वर्ष यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है परंतु विगत वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण इस पहाड़ पूजा पर भीड़ ना करने की प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किये गये कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा कमेटी द्वारा विगत वर्ष पहाड़ की पूजा सादगी से की गई थी. इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूजा कमेटी की एक बैठक जयनगर गांव में ग्राम प्रधान सोमाय मांडी की अध्यक्षता में 12 मौजा के ग्राम प्रधानों की हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि विगत वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी तीन जुलाई को सरकार द्वारा पारित गाइड लाइन का पालन करते हुए सादगी पूर्ण ढंग से कन्हाईश्वर पहाड़ की पूजा की जाएगी. पूजा में लोगों की भीड़ पर प्रतिबंध है. बैठक में निर्णय लिया गया कि परंपरा के मुताबिक 12 मौजा के ग्राम प्रधान, पुजारी और 12 मौजा से तीन- तीन ग्रामीण पूजा में शामिल होंगे और सादगी पूर्ण ढंग से पूजा कर क्षेत्र में अच्छी बारिश और सुख, शांति और समृद्धि के लिए कामना की जाएगी. बैठक में दुआरीशोल के प्रधान ठाकुरदास बास्के, प्रफुल्ल गोआला, सालगेड़िया के चंपाई मांडी, शिशाखुन के तरूण गोआला, जोड़ाम के अजित महतो, कियाशोल के झगल हेम्ब्रम, बिरदह के कैलाश बेरा, फकीर बेरा, भंडारू के भानु नायक, बिहारीपुर के करण हांसदा, धुन्तु मुंडा, बैकुंठपुर के छानु मुर्मू, दुबराजपुर के बैद्यनाथ हांसदा और पोचापानी गांव के प्रधान राम मांडी उपस्थित थे.

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