बहरागोड़ा: बहरागोड़ा के महिसाड़ गांव में भाजपा द्वारा किसान बिल के समर्थन में किसान चौपाल आयोजित कर किसानों को जागरूक किया गया. चौपाल में मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि कॄषि सुधार विधेयक से किसान खुशहाल होंगे. कॄषि सुधार विधेयक से किसानों को मंडी में ही फसल बेचने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी. अब किसान देश के किसी भी स्थान पर ऊॅची कीमतों पर अपना फसल बेच पाएंगे. खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को अपने उपज का अधिक कीमत मिलेगा. कृषि मंडियों में हावी बिचौलियों और दलालों का एकाधिकार समाप्त होगा.
डॉ गोस्वामी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा. विगत 6 वर्षों में मोदी सरकार ने धान, गेहूं, बाजरा, दलहन और तेलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की राशि दुगुनी कर दी है.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के प्रति अत्यंत संवेदनशील हैं.प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना के तहत केन्द्र सरकार किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष अनुदान दे रही है.डा गोस्वामी ने कहा कि बहरागोड़ा कॄषि प्रधान क्षेत्र है, धान की फसल अधिक होने के कारण क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है. केंद्र सरकार सब्जी, फल, फूल, दलहन और तेलहन के फसल उपजाने में सहायता करेगी.नगदी फसल उत्पादित करने से किसानों को अधिक मुनाफा होगा.केंद्र सरकार किसानों को अपने उपज के भंडारण करने में भी मदद् करेगी इस हेतु कोल्ड स्टोरेज तथा गोदामों का निर्माण होगा.
डा गोस्वामी ने कहा कि देश में आज रोजगार प्रदान करने में कॄषि क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है.कॄषि, गौपालन, पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी एवं बकरी पालन का देश के जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है.डा गोस्वामी ने कहा कि कॄषि सुधार विधेयक से किसानों की हालात बदलेंगी.पूरा देश एक बाजार में तब्दील होगा.किसान चौपाल को जिला महामंत्री बाप्टु साव, जिला उपाध्यक्ष ज्योत्सना मोयी बेरा, किसान मोर्चा के जिला संयोजक श्रीबत्स घोष, किसान मोर्चा के कार्यक्रम जिला प्रभारी सदानंद महतो ने किसान चौपाल को संबोधित किया.मौके पर युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष अभिजीत बाग,बलराम सिंह मुंडा, कृष्णा पाल, बीना पात्र, निर्मल जाना, आशीष माइति, उत्पल पैड़ा, दीपक घोष, देव प्रसाद दुबे,श्याम सुंदर माइति,मंजू खामराई, मोनालिशा माइति, सेनणी राणा, कालीपद माइती, ग्राम प्रधान अशोक माइती, रासबिहारी घोष, प्रदीप दास, जगन्नाथ दास, जगन्नाथ करण, अशोक जाना समेत अन्य उपस्थित थे.