चाकुलिया: पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नही हो रहा है, बावजूद चुनाव में राजनीतिक दलों की अप्रत्यक्ष रूप से अहम भूमिका होगी. बहरागोड़ा विधायक समीर महंती के लिए यह पंचायत चुनाव एक चुनौती होगी. पंचायत चुनाव 2015 में विधान सभा क्षेत्र से जिला परिषद की पांच सीटों में से चार पर झामुमो समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई थी.2015 में समीर महंती झारखंड विकास मोर्चा में थे.
2015 का चुनाव झामुमो के तत्कालीन विधायक कुणाल षाडंगी के नेतृत्व में लड़ा गया था. कुणाल षाडंगी अब भाजपा में है. चाकुलिया प्रखंड के एक मात्र सीट पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार की जीत हुई थी. तब 2015 में समीर महंती झारखंड विकास मोर्चा में थे. चाकुलिया जिला परिषद अंश 23 और 24 पर उनके समर्थित उम्मीदवारों की हार हुई थी.(नीचे भी पढे)
अब समीर महंती झामुमो के विधायक है. ऐसे में झामुमो समर्थितो को लगता है कि अगर वे उम्मीदवार हुए तो विधायक समीर महंती के नेतृत्व में उनकी जीत सुनिश्चित होगी. इसकारण झामुमो समर्थकों में उम्मीदवारी को लेकर सामंजस्य स्थापित करना विधायक समीर महंती के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है. अब देखना है कि इस पंचायत चुनाव में समीर महंती का जादू किस हद तक असर करता है. पिछले पंचायत चुनाव में बहरागोड़ा विधान सभा क्षेत्र से झामुमो समर्थित उम्मीदवारों ने पांच जिला परिषद सीट में चार सीट पर जीत हासिल की थी और अधिकांश पंचायतों में पार्टी समर्थित मुखिया प्रत्याशियों ने परचम लहराया था. 2021 के पंचायत चुनाव में जहां भाजपा के सांसद विद्युत वरण महतो,पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी,भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी है वही दुसरी तरफ झामुमो से एक मात्र विधायक समीर महंती के कंधों पर चुनाव का बागडोर होगी. यह पंचायत चुनाव विधायक समीर महंती के लिए एक अग्नि परीक्षा है.