गालूडीह: अपना वजूद बनाए रखने के लिए डाक विभाग चिठ्ठी बांटने के साथ-साथ बैंकिग जैसे काम भी करने लगी है. नई-नई योजनाएं लाकर विभाग तो अपग्रेड हो रहा है, लेकिन खुद का भवन नहीं बना पा रहा है. गालूडीह में वर्षों से किराए के मकान में डाकघर संचालित हो रहा है. गालूडीह निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग प्रल्हाद प्रसाद गुप्ता अग्रीमेंट और मकान का किराया बढ़ाने के लिए पिछले तीन साल से भटक रहे हैं. उन्होंने बताया कि मकान का अग्रीमेंट 2013 में खत्म हो चुका है. (नीचे भी पढ़ें)
अग्रीमेंट और किराया बढ़ाने के लिए मुख्य पोस्टमास्टर जनरल परिमंडल रांची और वरीय डाक अधीक्षक सिंहभूम प्रमंडल जमशेदपुर को कई बार आवेदन देकर अवगत कराया गया है. आवेदन लिख-लिख कर थक चुका हूं. लेकिन विभाग के कोई भी अधिकारी इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं, कम किराया और एग्रीमेंट नहीं होने के कारण मकान मालिक अब इसे खाली कराने पर अड़ गया है.