गुड़ाबांदा: पूर्वी सिंहभूम के कभी नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला घाटशिला अनुमंडल के गुडाबांधा प्रखंड में संस्कार फॉर टुडे संस्था बीहड़ और पहाडी गांव के बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रहा है. गुडाबांधा प्रखंड के जियान के पास कोसाफालिया गांव है,इसे सटा मैदान है जहां 45 लाख का इनामी नक्सली कान्हू मुंडा अपने 8 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था, ठीक उसी कोसाफालिया मैदान पास झोपड़ी बनाकर घाटशिला के रहने वाले असित भट्टाचार्य अपने परिवार के साथ रहकर नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों के बीच शिक्षित करते है.
इसी में आवासीय विद्यालय चलाते है. इस आवासीय विद्यालय में 65 बच्चे पठन- पाठन करते है. इन बच्चों को संस्कार के साथ स्कूल की शिक्षा दी जा रही है. कक्षा एक से लेकर मैट्रिक तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है.विदित हो कि गुडाबांधा प्रखंड के जियान गांव जो विकास से कोसों दूर रहा है. इस गांव में जिला प्रशासन की ओप से कई बार विकास मेला, रोजगार मेला तक लगाया गया, ताकि गांव के साथ साथ स्थानीय लोगो का विकास हो सके. गांव में आज भी पेयजल, सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या बनी हुई है. जिस गांव में लोग जाना नही चाहते है,उस गांव में गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा जो असिम भट्टाचार्य ने उठाया, वह सराहनीय है. इतना ही नहीं वे साथ में अपना परिवार भी रखे हुए है.
फिलहाल उन्हे अभी तक किसी तरह का मदद नही मिला है. गांव के लोगों के सहयोग से ही असित भट्टाचार्य ने आवासीय विद्यालय चलाने का फैसला लिया है. बीते चार सालों से वे गुडाबांधा प्रखंड में बच्चों को पढा रहे है. इसमें उनकी पत्नी और बेटी भी बीहड़ के बच्चों को शिक्षित बनाने में सहयोग कर रही है. बच्चों की शिक्षा को लेकर संस्कार फॉर टुडे ने एक कार्यशाला आयोजित किया, जिसमें घाटशिला कॉलेज के प्रो इंदल पासवान और नरेश कुमार ने गुडाबांधा पहुंच कर बच्चों का हौसला बढाया. उन्होंने कहा कि नक्सल फोकस एरिया के बच्चों को पढाने का जिम्मा लेना यह सहरानीय कदम है. संस्कार फॉर टुडे ने इस कदम को उठा कर बेहतर काम किया है.