
जमशेदपुर : साहित्य अकादमी नई दिल्ली की ओर से वेबलाइन साहित्य शृंखला के तहत ‘युवा साहिती’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अकादमी के उपसचिव डॉ एन सुरेश बाबू ने इस कार्यक्रम का संचालन किया, जिसमें मैथिली भाषा के छह युवा रचनाकारों ने भाग लिया। इस आयोजन की शुरुआत साहित्य अकादमी में मैथिली के संयोजक डॉ अशोक कुमार झा ‘अविचल’ के परिचयात्मक वक्तव्य से हुआ। उन्होंने मैथिली साहित्य लेखन में युवा हस्तक्षेप और बदलते परिदृश्य पर अपनी बात रखी। साहित्य लेखन करते हुए जिम्मेदारियों और चुनौतियों के प्रति साकांक्ष रहते हुए खुद को बदलती परिस्थितियों में अनुकूलित करने पर अपना मंतव्य दिया। डॉ अविचल ने ‘युवा साहिती’ कार्यक्रम की योजना और अपेक्षाओं के बारे में भी अपने विचार सबके समक्ष रखे। युवा साहिती कार्यक्रम में युवा साहित्यकार सोनू कुमार झा ने कथा तो पंकज कुमार, अमित मिश्र, प्रिय रंजन झा, राजीव रंजन झा और रूपेश त्योंथ ने अपनी कविताओं का पाठ किया। युवा रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सुधी श्रोताओं-दर्शकों को प्रभावित किया। (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने सामाजिक विसंगति, देशकाल का सूक्ष्म अवलोकन सहित अनेक भावनात्मक पहलुओं को अपनी रचनाओं के जारिए प्रस्तुत किया। उनकी रचनाओं में समस्याओं के साथ-साथ समाधान और मंतव्य भी शामिल देखे गए। साहित्य की अपेक्षा पर युवा रचनाकारों की लेखनी भविष्य की आश्वस्ति है, ऐसी टिप्पणी संयोजक डॉ. अशोक कुमार झा ‘अविचल’ ने की। डॉ अविचल ने युवा रचनाकारों को सुनने के बाद अपने उद्गार में संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें युवा रचनाकारों की प्रस्तुति से भाषा के सुनहरे भविष्य की आशा है। विषयों के चयन से लेकर गंभीर साहित्य लेखन को देखकर उन्होंने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि साहित्यिक आयोजनों की निरंतरता के लिए जिस प्रकार साहित्य अकादेमी तत्पर हैं उसी प्रकार वह भी विविध विषयों पर परिसंवाद और अन्य कार्यक्रम लाकर एक समावेशी और रचनात्मक परिवेश सृजित करने की दिशा में कार्यरत हैं। कार्यक्रम के अंत में अकादेमी के उपसचिव डॉ एन सुरेश बाबू ने धन्यवाद ज्ञापन किया।