बहरागोड़ा : लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में शहीद हुए बहरागोड़ा के लाल गणेश हांसदा का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके कोसाफलिया गांव पहुंचा. पार्थिव शरीर रांची से झारखंड पुलिस के हैलीकॉप्टर से लाया गया, जो गांव से करीब एक किलोमीटर दूर गांव के मैदान में उतरा. वहां शहीद की झलक पाने के लिए पहले से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था.
सेना के जवानों ने हैलीकॉप्टर से शव को उतार पहले से वहां मौजूद फूलों से सजे सेना के वाहन पर रखा, जिसे गांव के चौक तक लाया गया. वहां से पार्थिव शरीर कंधे पर शहीद के घर पहुंचा. वीरगति को प्राप्त गणेश हांसदा का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया. घर परिवार के लोगों व सगे संबंधियों के रुदन-क्रंदन से माहौल और अधिक गमगीन हो उठा. इस बीच ताबूत से शव को बाहर निकाल कर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया.
वहां परिजन व सगे-संबंधी शव से लिपट कर रोते रहे. करीब एक घंटे तक घर में शव को रखने के बाद करीब 50 मीटर दूरी पर ले जाकर रखा गया. वहां सेना के अधिकारियों समेत सांसद विद्युत वरण महतो, डॉ दिनेशानंद गोस्वामी समेत अन्य गणमान्य लोगों व ग्रामीणों ने माटी के लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की.
उसके बाद वहां से शवयात्रा निकली, जो पास में ही स्थित हांसदा परिवार के खेत तक गयी. वहां सेना के अधिकारियों ने शहीद गणेश हांसदा को पुन: श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद परंपरा के अनुसार सेना के अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर में लिपटा तिरंगा उनकी मां कापरा हांसदा को सौंपा. इसके बाद सेना के जवानों ने शहीद गणेश हांसदा को राइफल की सलामी दी, इस बीच उनके बड़े भाई दिनेश हांसदा ने मुखाग्नि दी. अंतिम यात्रा में सेना के अधिकारी कर्नल नीरज कुमार, वीएस पनाग, मेजर करण दे, कैप्टन प्रशांत कुमार समेत 324 बटालियन फील्ड रेजिमेंट जमशेदपुर के आर्मी जवान उपस्थित थे.
शहीद गणेश हांसदा अमर रहें
शव यात्रा में काफी संख्या में युवक शामिल थे. वे अपने हाथों में तख्तियां लिये चल रहे थे, जिस पर शहीद गणेश हांसदा अमर रहे, , भारतीय सैनिक शहीदों की शहादत का बदला लेकर रहेंगे आदि स्लोगन लिखे थे. साथ ही वे संबंधित नारे भी लगा रहे थे. कई लोग वंदेमातरम, भारत माता की जय जैसे कई नारे लगा रहे थे. पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया था. इससे पहले जब शहीद का शव लाया गया, तब हेलीकॉप्टर के सामने ही लाखों की भीड़ जुट गयी थी. सभी ने मिलकर शहीद जवान को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.