


जमशेदपुर : आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसए) की कोल्हान प्रमंडलीय इकाई की आवश्यक बैठक सोमवार को करनडी में हुई. बैठक में संताली भाषा को अब तक झारखंड के प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं दिये जाने पर असंतोष जताते हुए इसे आदिवासियों की भाषा-संस्कृति के साथ अन्याय व खिलवाड़ बताया गया. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि हाल ही में करनडीह में आयोजित एक कार्यशाला में राज्य के मंत्री चंपई सोरेन ने भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास पर बल दिये जाने की बात कही थी, जो महज ढकोसला था. उन्होंने कहा कि कथनी और करनी में झामुमो व हेमंत सरकार की कलई खुल चुकी है. इसके अलावा अबतक अनुच्छेद 25 के तहत सरना धर्म की मान्यता हासिल नहीं हो सकी है. इसके लिए हेमंत सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए उसे जिम्मेवार ठहराया गया. इसके मद्देनजर एएसए के द्वारा 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय भाषा दिवस के दिन पूरे कोल्हान समेत पांच प्रदेशों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में संगठन के जिलाध्यक्ष सीताराम माझा, जिला सेंगे परगना सह प्रवक्ता जूनियर मुर्मू, बिरसा मुर्मू, किसुन हांसदा, कमल किरण टुडू, मगत मार्डी, महाप्रसाद हांसदा, परमेश्वर मुर्मू समेत अन्य लोग उपस्थित थे.