जमशेदपुर : पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से इस साल वीर सप्ताह मनाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जायेगी. इस आयोजन की जानकारी पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष तापस कुमार मजूमदार ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी. बिष्टुपुर स्थित तुलसी भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तापस कुमार मजूमदार ने बताया कि लौहनगरी में युवाओं के बीच राष्ट्रप्रेम के जागरण और नागरिक परिवेश में सेना के प्रति सम्मान की अलख जगाकर 1971 के युद्ध के संदेश के माध्यम से हिंदुस्तानी सैनिकों के पराक्रम शौर्य और बहादुरी को नमन और शहीदों को श्रद्धान्जलि समर्पित करने के उद्देश्य से इस वर्ष भी विजय दिवस समरोह का आयोजन किया जा रहा है. इस समारोह के अंतर्गत विभिन्न तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक संदेश देने का कार्य किया जा रहा है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. इसके तहत यूद्ध की कहानी…..वीरों की जुबानी कहानी पर मंचन होगा जिसके संयोजक अवधेश कुमार व रमेश शर्मा है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय 5 विद्यालयों में युद्ध में सैनिक की वीरता, आर्मी नौसेना और वायुसेना के परमवीर सैनिकों तथा उस दौरान होने वाले अपने अनुभव को साझा करके बच्चों में देश प्रेम जाग्रत करने का उद्देश्य है. यह कार्यक्रम 12 और 13 और 14 दिसम्बर को आयोजित किया जा रहा है. इसमें 1971 और कारगिल युद्ध के वीर अपनी बात युवाओं के समक्ष रखेंगे. सूबेदार मेजर नीलकमल महतो, हवलदार मानिक वारदा, हवलदार गौतम लाल, हवलदार विनय यादव, हवलदार बिरजु कुमार और हवलदार जसबीर सिंह युद्ध किं कहानी बताएंगे. 15 दिसम्बर को संध्या 3 बजे गोलमुरी शहीद स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरान्त पूर्व सैनिक सेवा परिषद की टीम 1971 के भारत पाक युद्ध के अपने वीर नायकों जो इस शहर में निवास कर रहे हैं उनका अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर उनके घर पर सम्मानित करेगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य वीरों को सम्मान देकर नागरिक परिवेश में उनकी महत्ता और भूमिका को समाज के सामने रखना है. इन बार कप्तान शिव शंकर सिंह केबल टाउन, हवलदार शिवनाथ शाह केबल टाउन, बी ईश्वर राव गोविंदपुर का सम्मान करने की योजना है. इस बार भी शहर के 20 विद्यालयों में 1971 के युद्ध की दास्तां और हिंदुस्तान पाकितान की सेना के बीच हुए आत्मसमर्पण दस्तावेज को छात्रों के बीच पढ़ने की योजना है. 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण दुनिया के युद्ध इतिहास की अदभुत घटना है. साथ ही बांग्लादेश का निर्माण होना भी एक अभूतपूर्व घटना है।इसलिए भी यह महतपूर्ण है. यह कार्यक्रम 16 दिसम्बर को प्रातः काल असेंबली का दौरान पढ़ी जाएगी.