जमशेदपुर : राम सबके हैं… मगर राम को खुद ये नहीं मालूम कि वो किनके हैं. अब ये फैसला करने के लिए रामभक्त मैदान में हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा की करारी हार के बाद सत्ता तो हाथ से गयी ही, पिछले 25 सालों से भाजपा का अभेद किला रही जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पहली बार भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने जीत का परचम लहरा दिया. वैसे सरयू राय की जीत के बाद क्षेत्र का विकास कितना हुआ है यह तो हम बता नहीं सकते, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद से या यूं कहें कि चुनाव के प्रचार-प्रसार के समय से भाजपा बनाम भाजमो चुनावी जंग अब हिंसक रूप अख्तियार कर चुकी है. एक-दो नहीं दर्जन भर ऐसे मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जहां भाजपा और सरयू राय की पार्टी भाजमो के कार्यकर्ताओं के बीच सीधा टकराव हुआ है. (नीचे भी पढ़ें)
ताजा मामला सूर्य मंदिर को लेकर है. जहां शुक्रवार को विधायक सरयू राय समर्थित मंदिर कमेटी ने मंदिर के मुख्य गेट छोड़ सभी गेट में तालाबंदी कर भक्तों और सैलानियों के प्रवेश पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन से जवाब-तलब किया. उधर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संरक्षण वाली कमेटी ने इसे सरयू राय की कमेटी की गुंडागर्दी बताते हुए शनिवार को जिले के उपायुक्त से मुलाकात कर भक्तों की धार्मिक भावना को आहत करने वाला कृत्य बताते हुए जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई. (नीचे भी पढ़ें)
रघुवर दास की मंदिर कमेटी के साथ बीजेपी के समर्थक भी बड़ी संख्या में इस दौरान मौजूद रहे. उन्होंने सरयू राय की कमेटी के सदस्यों को विशेष राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त होने का दावा किया और कहा कि ऐसे लोग अगर मंदिर में विवाद पैदा करेंगे आने वाले दिनों में माहौल और तनावपूर्ण होगा. कुल मिलाकर मामला केवल विवाद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मामला वर्चस्व का है. जो विधानसभा चुनाव से शुरू होकर अब एक साल से भी ज्यादा समय का सफर पार कर चुका है. जनता को इसका क्या लाभ मिलेगा, ये तो जनता ही बताए. हालांकि उपायुक्त से मिलने पहुंचे मंदिर कमेटी के सदस्यों ने भी अब वर्तमान कमेटी के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. (नीचे भी पढ़ें)
दूसरी ओर विधायक सरयू राय के समर्थन वाली कमेटी के लोग शनिवार को एसडीओ कार्यालय पहुंचे और मामले को लेकर एसडीओ को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कमेटी के वरीय उपाध्यक्ष संजीव आचार्या ने कहा कि शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न आयोजनों के लेकर बैठक की गयी. उसके बाद वहां चिल्ड्रेन पार्क शिफ्टिंग का मामला संज्ञान में आया. इस पर विशेष पदाधिकारी समेत उपायुक्त व अन्य पदाधिकारियों से बात की गयी, ताकि पतात चल सके कि पार्क की शिफ्टिंग किसके आदेश से की जा रही है. इस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने पार्क को व्यवसाय का जरिया बना लिये जाने का भी आरोप लगाया. संजीव आचार्या ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद पार्क का काम रुकवाते हुए ताला लगा दिया गया. इसे लेकर रघुवर दास कमेटी के द्वारा मामला दर्ज कराया गया है. लेकिन इस मामले में जिला प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है. यदि मामले में कार्रवाई करते हुए पार्क शिफ्टिंग मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो कमेटी अपने समर्थकों के साथ विधि-व्यवस्था ठप कर देगी.