जमशेदपुर : केंद्र के किसान बिल को लेकर किसानों के जारी आंदोलन के समर्थन में कांग्रेसियों ने जमशेदपुर में धरना दिया. इसके तहत कांग्रेसियों ने साकची गुरुद्वारा मैदान में किसान बिल के विरोध में धरना दिया. इस दौरान कांग्रेस के नेता फिरोज खान, राकेश साहू, आनंद बिहारी दुबे समेत तमाम नेताओं ने हिस्सा लिया. किसान आंदोलन समर्थक मोर्चा के संयोजक कुलविंदर सिंह पन्नू के नेतृत्व में साकची गुरुद्वारा मैदान में किसानों के आंदोलन के समर्थन में एकदिवसीय महाधरना दिया गया. इसमें राष्ट्रपति के नाम पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त के माध्यम से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को रद्द करने या पुराने स्वरूप में लाने अथवा संशोधन कर न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक रूप देने के संबंध में मांग रखा गया. राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिला की नवगठित संस्था “किसान आंदोलन समर्थक मोर्चा” उपरोक्त वर्णित विषय के आलोक में राष्ट्रपति आपका ध्यान निम्न बिंदुओं पर आकर्षित करते हैं.
किसान आंदोलन समर्थक मोर्चा ने कोविड-19 के मद्देनजर खुले मैदान में बैठक एवं धरना दिया, जिसका समर्थन विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक एवं राजनीतिक संगठनों ने किया है. राष्ट्रपित वहां पारित प्रस्ताव के आलोक में उपायुक्त जिला पूर्वी सिंहभूम झारखंड के मार्फत आपको यह ज्ञापन संस्था भेज रही है. उम्मीद है कि भारत राष्ट्र एवं भारतीय जनता किसान आम इंसान के व्यापक हित को देखते हुए आप केंद्र सरकार को आंदोलन किसानों के साथ वार्ता करने का निर्देश देते हुए न्यूनतम समर्थित मूल्य को कानूनन गारंटी रूप देने की पहल सुनिश्चित करवाएंगे. संचालन बलजीत सिंह महाधरना में अपना समर्थन देने वाले में मुख्य रूप से इंद्रजीत सिंह, हरविंदर सिंह मंटू, सुखविंदर सिंह राजू, भगवान सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय खां, आस्तिक महतो, आनंद बिहारी दुबे, युवा कांग्रेस के राकेश साहू, महावीर मुर्मू, प्रमोद लाल, शेख बदरुद्दीन, प्रताप यादव, पवन पांडेय, रविंद्र रजक, अनामिका सरकार, अंजना भुईया, फिरोज खान, परमजीत सिंह काले, अर्जुन वालिया, सतनाम सिंह गंभीर, ओमप्रकाश सिंह, राजा बक्शी, त्रिलोचन सिंह, अनवर आई, जसपाल सिंह, अतुल गुप्ता, राजा सिंह राजपूत, अभिजीत सिंह, बिंदिया मुखी आदि काफी संख्या में सभी राजनीतिक दल के अलावा सिख समुदाय के बड़ी संख्या में मौजूद थे.