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Jamshedpur-sikh-falilcitated-गुरुद्वारा में जात-पात एसजीपीसी ने खत्म किया, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पथिक मामलों पर मुखर है कमेटी, एसजीपीसी के सौ साल पूरे होने पर सम्मानित हुए जमशेदपुर समेत देश भर के सिख समुदाय के लोग

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जमशेदपुर : तख्त श्री हरिमंदिर साहब प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गुरुद्वारों में प्रसाद चढ़ावे एवं वितरण में जाती-पाती को खत्म करने का श्रेय एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) को है. एसजीपीसी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर आयोजित सम्मेलन में शामिल तख्त श्री हरमंदिर साहब प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित सहित सभी पदधारियों को एसजीपीसी अध्यक्ष सरदार गोविंद सिंह लोंगोवाल एवं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के द्वारा सिरोपा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. एसजीपीसी की इतिहास की जानकारी देते हुए इंदरजीत सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक गुरुद्वारों में श्री गुरु नानक देव जी एवं महान गुरु संत सूफी संतों की परंपराओं की अनदेखी होने लगी थी और अछूत समझी जाने वाली जातियों को कढ़ा प्रसाद नहीं दिया जाता था उनसे प्रसाद लिया भी नहीं जाता था. तब अक्टूबर 1920 में सिखों ने आंदोलन किया और फिर उनके दबाव पर श्री गुरु ग्रंथ साहब से हुकमनामा लिया गया. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)

हुकमनामा को मानने पर मजबूर किए जाने पर महंत गुरुद्वारा छोड़ कर चले गए और तभी कमेटी बनाई गई जिसके पहले जत्थेदार तेजा सिंह भूंचर बने. ब्रिटिश सरकार की ओर से कमेटी बनी परंतु सिखों ने नवंबर में एसजीपीसी की स्थापना कर 150 सदस्य चुन लिए और सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों की सेवा संभाल के लिए आंदोलन कर दिया. ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा और पार्लियामेंट में गुरुद्वारा अधिनियम 1925 कानून बन गया. इंदरजीत सिंह के अनुसार देश-विदेश के सेवन से जुड़े पंथिक मामलों में अच्छा कर रही है और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर सजग रहती है. जहां विरासत परंपरा पर रिसर्च कर उसका प्रकाशन कर आम जनता तक पहुंचा रही है वही प्राकृतिक आपदा में सराहनीय भूमिका भी अदा कर रही है. सरदार इंदरजीत सिंह के अनुसार तख्त पटना साहिब श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन कमेटी भी एसजीपीसी के अनुसरण को तैयार है परंतु कुछ वित्तीय कमियों के कारण मजबूरी आ जाती है. उन्होंने कहा कि धर्म प्रचार कमेटी के तर्ज पर बिहार में भी धर्म प्रचार कमेटी का गठन कर उसको सिख मिशनरी एवं सिख विद्यालय स्थापना करने पर बल दिया जा रहा है. सरदार इंद्रजीत सिंह के अनुसार सिखों की एकता एवं एसजीपीसी की मजबूती को कमजोर करने के लिए कई एजेंसियां कोशिश भी कर रही हैं. जिनसे हमें सचेत रहने की जरूरत है.

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