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jamshedpur-sikh-samaj-सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान के खिलाफ गुरदयाल सिंह ने बोला हमला, कहा-प्रधान तारा सिंह अज्ञानी है, प्रधान चुनते थे ट्रस्टी, संविधान बना संगत को दिया अधिकार

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जमशेदपुर : विदेश से लौटते ही सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान सरदार गुरदयाल सिंह ने कार्यकारी प्रधान तारा सिंह पर शब्दों के बाण छोड़ उन्हें अज्ञानी बताया है. सोनारी में प्रबुद्ध सिखों की बैठक कर गुरदयाल सिंह ने अपने इरादे जाहिर कर दिया कि वह तारा सिंह कि गलत मंशा कभी पूरी नहीं होने देंगे. उनके अनुसार तारा सिंह अज्ञानी है अथवा जानबूझकर योजना के तहत संगत एवं पूरे शहर को गुमराह कर रहे हैं. वर्ष 2010 से पहले सोनारी गुरुद्वारा कमेटी का अपना संविधान नहीं था और प्रधान का चुनाव ट्रस्टी करते थे. तारा सिंह का यह कहना कि वर्ष 2010 में शैलेंद्र सिंह ने उन्हें प्रधान बनाया था, जो पूरी तरह से गलत और भ्रामक है. उन्हें ट्रस्टियों ने जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्हें यह तरीका गलत लगा और संविधान बनाकर इसमें सुधार किया और प्रधान चुनने का अधिकार संगत को सौंप दिया क्योंकि गुरमत मर्यादा में संगत ही सर्वोपरि है. संगत की भावना पूरी तरह से लोकतांत्रिक होती है. तारा सिंह जमशेदपुर की संगत को बताएं कि उन्होंने तीन बार नामांकन दाखिल किया था जिसमें एक बार उन्होंने नामांकन वापस लिया. दूसरी बार चुनाव हारे और तीसरी बार उन्होंने चुनाव में विजय प्राप्त की. असल में तारा सिंह महंत बनना चाहते हैं और संगत तथा संविधान की अनदेखी कर रहे हैं. इस बैठक में तय हुआ कि सोनारी की संगत की भावना को जिला एवं अनुमंडल प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा और जो कुछ गलत हो रहा है उसे सुधारा जाएगा. जरूरत होने पर सोनारी की संगत अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए धरना प्रदर्शन का आयोजन भी करेगी. इस बैठक में बलबीर सिंह गिल, हरजीत सिंह, बलदेव सिंह, हरचरण सिंह, राजा सिंह, बंटी सिंह, मनजीत सिंह, हरबंस सिंह, अमृतपाल सिंह, जोगिंदर सिंह, गोल्डी सिंह, रंजीत सिंह , दलजीत सिंह, एचएस बेदी, यशवंत सिंह आदि ने अपने विचार रखे.

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