
जमशेदपुर: सोनारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान पद को लेकर पक्ष और विपक्ष में जिच तेज हो गई है. सोमवार को हुई हाथापाई के बाद दोनों पक्षों में टकरार और बढ़ गए हैं. बुधवार को प्रधान तारा सिंह गिल ने एक पत्र जमशेदपुर धर्म प्रचार कमेटी अकाली दल को लिखा है. उन्होंने कहा है कि श्री गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिहाड़े पर शुरु हुए 40 दिनी सुखमिण साहिब के पाठ के दौरान गुरुद्वारा में दुखदाई घटना घटी. इसमें विपक्षी खेमे के उम्मीदवार बलबीर सिंह द्वारा उनके मेंबर गुरप्रीत सिंह की दाड़ी पकड़ने व दस्तार उतारने की शिकायत की गई. प्रधान तारा सिंह जो कि विपक्षी उम्मीदवार के अपने भाई हैं उन पर शराब बेचने का आरोप लगाते हुए उन्हें धार्मिक सेवा करने के लिए अमान्य बताया गया है. उन्होंने धार्मिक मामले के तहत बनती कार्रवाई करने की मांग की है.(नीचे भी पढ़े)

पत्र की प्रति तख्त श्री अकाल साहिब, सीजीपीसी व एसजीपीसी को भी दी गई है.इस पूरे मामले में विपक्षी उम्मीदवार बलबीर सिंह से बात की गई. उन्होंने कहा कि उनकी मिठाई की दुकान है. बार उनके नाम पर है, लेकिन वह धंधा बेटा संचालित करता है. किसी से भी पता लगाया जा सकता है. तारा सिंह स्वार्थी हो गए हैं. जब चुनाव पर सभी की सहमति है तो वह क्यों भाग रहे हैं. संविधान के अनुसार चुनाव होने तक वे चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि तारा सिंह साफ कह रहे हैं कि 2024 तक मैं हटने वाला नहीं. उनका यह तर्क न्याय संगत नहीं है. सोमवार की घटना से वे भी आहत हैं.(नीचे भी पढ़े)

गुरदयाल व तारा भी खुलकर हुए आमने सामने:सोनारी गुरुद्वारा के विवाद में विपक्ष की भूमिका परोक्ष या अपरोक्ष रुप से पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह ही लीड कर रहे हैं. बुधवार को तारा के पत्र पर वे भी खुलकर सामने आए. उन्होंने कहा कि हां मैं किंग मेकर हूं. तारा सिंह का शागिर्द मुखे है तो इधर मैं खड़ा हूं. गुरदयाल ने कहा कि बलबीर के अपने भाई की 66 सालों से जब नहीं बनी तो मेरी तो बलबीर से छह साल की दोस्ती है. आप सोच सकते हैं हालात क्या है. (नीचे भी पढ़े)
रही बात अकाली दल को पत्र देने की तो सीजीपीसी के चेयरमैन बलबीर सिंह बल्ली का भी शराब का बिजनेस है. एक और प्रधान पर भी शराब बेचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान अकाली दल अपनी धार्मिक स्क्रूटनी करेगी तो निर्णय का स्वागत होगा वरना सभी को गुरु घरों से बाहर करना होगा. वहीं, तारा सिंह ने भी गुरदयाल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि गुरदयाल सिंह के अपने घर में सिक्खी कहां है. बेटे की शादी बंगाली लड़की से. बेटी की शादी गैर सिख लड़के से. मंच से सिक्खी की सीख दूसरों को देने वाले पहले अपने गिरेबां में झांके. झूठ फरेब की राजनीति ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाली. वाहेगुरु से डरो.