jamshedpur-Sonari-Gurdwara- सोनारी गुरुद्वारा: मैं प्रधान-मैं प्रधान का खेल जारी, अब तारा सिंह ने अकाल तख्त की क्लीन चिट मिलने का दावा किया, विपक्ष ने बताया झूठा

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मशेदपुर: कोरोना की बंदिशों की रोकटोक के बाद शहर के कुछ गुरुद्वारों में चुनावी बिगुल बजने के बाद गुटबाजी चरम पर हो गई है. अब सोनारी गुरुद्वारा की ही बात करें, यहां मैं-मैं प्रधान का खेल पिछले कई माह से चल रहा है. सोमवार को एक पत्र जारी कर यहां के प्रधान तारा सिंह गिल ने अमृतसर अकाल तख्त का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है. 2024 तक वे ही प्रधानगी संभालेंगे. तारा सिंह के इस पत्र पर विपक्ष के गुरदयाल सिंह और उनकी टीम ने हमला बोला है. तारा सिंह को झूठा बताते हुए कहा है कि तारा सिंह ने जीत की माला वाला जो फोटो वॉयरल की है वह चार साल पुरानी है. फोटो में जो चेहरे हैं वह लोग आज विपक्ष यानी सच्चाई के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि सोनारी की संगत को तारा सिंह गुमराह ना करें और चुनाव के मैदान में आएं.(नीचे भी पढ़े)

दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इसके लिए सरदार शैलेंद्र सिंह से भी संपर्क किया जा सकता है. दो दिन पूर्व सरदार शैलेंद्र सिंह ने पंजाब से वापस लौटकर बयान दिया था कि अकाल तख्त के प्रतिनिधियों ने सोनारी की फाइल को बंद कर दिया है और वहां संगत चुनाव कराने के लिए अधीकृत है. आखिर इसमें क्या सच्चाई है इसकी चर्चा सिख कौम में जोर शोर से चल रही है. साथ ही विवाद नहीं थमने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया हो रही है.
आज विपक्ष बनाएगा रणनीति, 20 से चुनावी प्रक्रिया शुरु करने पर अड़ा
उधर, सोनारी में चल रहे विवाद को लेकर पिछले दिनों विपक्ष ने खुद यहां चुनावी प्रक्रिया का नोटिस चस्पा किया था. जिसमें चुनाव कन्वेनरों की घोषणा करते हुए 20 मई तक नामांकन करने की तारीख दी गई थी. इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष अडिग है. मंगलवार को बैठक कर विपक्ष ने बाबत कड़ा निर्णय लेने की बात कही है. विपक्ष की ओर से तारा सिंह के सगे भाई बलबीर सिंह गिल ही प्रधान पद के दावेदार हैं.

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