जमशेदपुर : जमशेदपुर के एसएसपी के तौर पर करीब 13 माह तक काम करने के बाद ही एसएसपी प्रभात कुमार का तबादला कर दिया गया. एसएसपी प्रभात कुमार का तबादला इन दिनों में काफी चर्चित बना हुआ है. इसकी बड़ी वजह है कि सिर्फ 13 माह में उनका तबादला हो जाना. सरकार की ओर से पदस्थापित करने के बाद प्रभात कुमार अभी पूरा सिस्टम को देख रहे थे. वैसे इसको राजनीतिक तबदला कहा जा रहा है. जमशेदपुर से निकलने वाले एक न्यूज पेपर ने दावा किया है कि एसएसपी प्रभात कुमार का तबादला राजनीतिक ही है क्योंकि प्रभात कुमार विधायक सरयू राय की गिरफ्तारी नहीं कर रहे थे. सरयू राय को वे बिष्टुपुर थाना में दायर मंत्री बन्ना गुप्ता के अश्लील वीडियो के मामले में एफआइआर दायर नहीं करा रहे थे. सरयू राय को आरोपी नहीं बना रहे थे. (नीचे भी पढ़ें)
इसके बाद ही यह तबादला किया गया. इस संभावना या आशंका को और बल तब मिलता है, जब प्रभात कुमार का तबादला होते ही बिष्टुपुर की साइबर थाना की पुलिस ने विधायक सरयू राय को भी मंत्री बन्ना गुप्ता के अश्लील वीडियो चैट में सरयू राय को भी आरोपी बना दिया. पहले एसएसपी का तबादला, उसके बाद सरयू राय पर केस होना, यह बताता है कि उक्त पत्रिका का दावा सही भी है. वैसे भाजपा नेता विकास सिंह के मामले में भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करना भी इसके अन्य कारणों में से एक है. लेकिन फिलहाल, एसएसपी प्रभात कुमार का तबादला, विधायक सरयू राय पर दायर केस समेत अन्य मामले को जोड़कर ही तबादले को देखा जा रहा है. हालांकि, सरयू राय ने कहा है कि वे नहीं जानते है कि तबादला क्यों हुआ, लेकिन पुलिस के साथ मिलकर मंत्री बन्ना गुप्ता अपना काम कर रहे है, यह सच है.