जमशेदपुर : केंद्र सरकार के कृषि बिल का विरोध जारी है. सोमवार को किसानों के देशव्यापी भूख हड़ताल आंदोलन का जमशेदपुर में भी समर्थन मिला. जहां अखिल भारतीय किसान महासभा सहित अन्य किसान समर्थित संगठन एवं राजनीतिक दलों का इन्हें समर्थन मिला. अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से जुबिली पार्क से लेकर अंबेडकर चौक तक आंदोलनरत किसानों के समर्थन में रैली निकाली गई और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल 2020 का जोरदार तरीके से विरोध करते हुए इन्हें तत्काल वापस लिए जाने की मांग की. जानकारी देते हुए महासभा के अध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार बगैर किसानों को भरोसा में लिए इस बिल को किसानों पर थोपना चाहती है जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री पर भी जमकर निशाना साधा.
आम आदमी पार्टी ने आदित्यपुर में किया अनशन
दूसरी ओर, केंद्रीय कृषि बिल 2020 के विरोध में देशभर के किसान पिछले 19 दिन से दिल्ली के आसपास जमे हुए हैं वैसे किसानों के इस आंदोलन को देश भर के 23 राजनीतिक संगठनों के अलावा कई संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. कई दौर की वार्ता के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इधर आज आंदोलित किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं किसानों के समर्थन में देशभर के राजनीतिक और सामाजिक संगठन अपना विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ जता रहे हैं. इधर सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर स्थित आकाशवाणी चौक के समीप आम आदमी पार्टी द्वारा किसानों के समर्थन में एक दिवसीय भूख हड़ताल करते हुए केंद्र सरकार से किसानों से वार्ता कर तत्काल इसका निदान निकालने की अपील की. आम आदमी पार्टी के कोल्हान प्रभारी प्रेम कुमार ने किसानों के विरोध को शुरू से ही समर्थन दिए जाने की बात कही. उन्होंने कहा, जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, आम आदमी पार्टी का किसानों को समर्थन जारी रहेगा.
राजद ने भी समर्थन का किया ऐलान
इसी तरह आंदोलनरत किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार को भूख हड़ताल का ऐलान किया है. वैसे देशभर के 23 राजनीतिक दल किसानों के समर्थन में खड़े हैं, और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. इन सबके बीच झारखंड के जमशेदपुर में भी कई राजनीतिक दल किसानों के समर्थन में सड़क पर हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचा. और जोरदार प्रदर्शन किया. इनके द्वारा केंद्रीय कृषि बिल 2020 को वापस लिए जाने संबंधी मांग जिले के उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा गया. जहां सौंपे गए मांग पत्र के आधार पर इन्होंने केंद्रीय कृषि बिल 2020 को पूंजीपतियों के हित में बताते हुए केंद्र सरकार से इसे अविलंब वापस लिए जाने की मांग की. इससे पहले इन्होंने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बताया, कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर किसानों का हक छीनने पर तुली है. जिसका राष्ट्रीय जनता दल पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है.
सिख समाज ने किया आंदोलन
जमशेदपुर में कृषि कानून के खिलाफ सिख संगत द्वारा एक दिवसीय अनशन सह धरना दिया गया. इनके द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में यह धरना दिया गया. गैरतलब है, कि देश भर में किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह का एक दिवसीय अनशन सह धरना दिया जा रहा है. जमशेदपुर में भी किसानों के समर्थन में सिख संगत द्वारा अनशन सह धरना दिया गया. इनके द्वारा केंद्र सरकार का विरोध जताते हुए किसानों के मांग को जायज ठहराया गया. इन्होंने कहा कि केंद्र सरकाए जबरन किसानों को उद्योगपतियों के हाथों बेच रही है और देश के किसानों को ये मंजूर नही जिस कारण आंदोलन चल रहा है और जब तक इसे निरस्त नही किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वैसे जमशेदपुर में इस आंदोलन को एनसीपी द्वारा भी समर्थन दिया गया है.