खबरjamshedpur-surya-mandir-सिदगोड़ा सूर्यधाम में विशाल महाभण्डारा के साथ हुआ छह दिवसीय अनुष्ठान का...
spot_img

jamshedpur-surya-mandir-सिदगोड़ा सूर्यधाम में विशाल महाभण्डारा के साथ हुआ छह दिवसीय अनुष्ठान का समापन, 31 हजार से अधिक भक्तों ने किया प्रसाद ग्रहण, सुंदरकांड एवं श्रीराम जी के राज्याभिषेक से श्रीराम कथा का हुआ विश्राम, फूलों से श्रद्धालुओं ने खेली होली, भक्तिमय भजन पर जमकर थिरके पूर्व सीएम रघुवर दास

राशिफल

जमशेदपुर : जमशेदपुर के सूर्य मंदिर कमिटी सिदगोड़ा द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर पांच दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का सोमवार को विशाल महाभण्डारा के साथ समापन हुआ. महाप्रसाद वितरण हेतु सूर्यमंदिर परिसर में 25 कांउटर लगाए गए थे. वहीं, 10 काउंटर शीतल पेय के लगाए गए थे. प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुरुष एवं महिलाओं के लिए कमिटी ने अलग-अलग स्थानों की व्यवस्था की थी. संध्या 6:30 बजे से लेकर देर रात तक चले भंडारे में करीब 31 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारा में श्रद्धालुओं को महाप्रसाद के रूप में पूरी, काबुली चना की सब्जी, टमाटर की चटनी व बूंदिया का महाभोग परोसा गया. सूर्यमंदिर कमिटी ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण करने हेतु कागज के प्लेट व कागज के ग्लास की व्यवस्था की थी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सक्रिय रहे कमिटी के मुख्य संरक्षक सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने महाभण्डारा के सफलतापूर्वक समापन हेतु जमशेदपुर शहर से बाहर रहकर भी मंदिर कमिटी के पदाधिकारी व भाजपा कार्यकर्ताओं के संग निरंतर बैठक कर जानकारी लेते रहे. (नीचे देखे पूरी खबर)

संध्या 6:30 बजे से देर रात तक चले भंडारा में पूर्व सीएम रघुवर दास अंत तक डटे रहे और काउंटर पर जाकर स्थिति की जानकारी लेते रहे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से चल रहे धार्मिक अनुष्ठान की कड़ी में महाभण्डारा सबसे बड़ी जिम्मेदारी रही, जिसे जमशेदपुर की जनता के सहयोग व प्रभु श्रीराम जी के कृपा से सफलतापूर्वक संपन्न किया गया. उन्होंने जमशेदपुर की राम भक्त जनता, महिलाएं पुरुष, युवाओं के प्रति आभार जताया, जिनके सहयोग से समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. कहा कि कलश यात्रा से लेकर नगर भ्रमण व विशाल भंडार में जिस उत्साह से जमशेदपुर के भक्तों ने भाग लिया, उसका शब्दों में वर्णन करना कम होगा. कहा कि यहां की जनता की भक्ति भावना अद्वितीय एवं सराहनीय है. जमशेदपुर की जनता समेत सभी भक्तों के सहयोग व भक्तिभाव ने सूर्यमंदिरधाम को आज आस्था का केंद्र बिंदु बना दिया है. श्री दास ने अनुष्ठान में लगे भाजपा कार्यकर्ताओं समेत मंदिर कमिटी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि लगन एवं समर्पण भाव से किए गए कार्यों के परिणाम भी सुखद होते हैं. श्री दास ने कहा कि भारत एक धर्म परायण देश है. यही कारण है कि राम कथा हमेशा प्राचीन काल से आंदोलित और प्रल्ल्वित करते रहे हैं. श्रीराम मंदिर स्थापना के द्वितीय वर्षगांठ पर व्यास डॉ विशेश्वरी देवी जी के कथा को जीवन पर्यंत नहीं भूल सकते हैं. अपने मुखारविंद से नाम महिमा. कथा महिमा, शिव सती प्रसंग, शिव-पार्वती विवाह, राम जन्मोत्सव, बाल लीला, अहिल्या उद्धार, सीता राम विवाहोत्सव, राम वनवास, केवट प्रसंग, भरत मिलाप, सबरी प्रसंग से लेकर सुंदरकांड और श्री राम के राज्याभिषेक उत्सव तक की जो विद्वतापूर्वक प्रस्तुति की वह अद्वितीय है. (नीचे देखे पूरी खबर)

भगवान राम संसार के कण कण में बसे हैं और जीवन के हर क्षण में राम हैं. लेकिन झारखंड में आज लिया राम दिया राम प्रभावी है. ऐसे लोगों को चरित्र, मनन करने की जरूरत है. विशाल भंडारा में महाप्रसाद ग्रहण करने को लेकर भी श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. विशाल भंडारा में समरसता की झलक देखने को मिली. इससे पहले, संगीतमय श्रीराम कथा के अंतिम दिन हरिद्वार से पधारे कथा व्यास परम् पूज्य साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी जी का स्वागत किया गया. स्वागत के पश्चात कथा व्यास साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी जी ने श्रीराम कथा में बताया कि सुंदरकांड के प्रारम्भ में ही श्री हनुमान जी के दिव्य विराट स्वरूप का दर्शन होता है जो राम कार्य के लिए हनुमान जी ने धारण किया. श्री हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन रामकार्यों के लिए ही समर्पित है इसलिए कलयुग में भी श्री हनुमान जी की महिमा सर्वाधिक चंदनीय है. हनुमान जी से बड़ा राम कभी हुआ है और न कभी हो सकता है. सुरसा सिंह का और लंकिनी रूपी विधनों को पार करते हुए हनुमान जी लंका में पहुंचे वहां विभीषण से मिलकर श्री जानकी जी का पता लेकर श्री हनुमान जी अशोक वाटिका में आये और माता सीता का दर्शन किया. यहां संकेत है कि यदि भाव सच्चा हो तो सुदूर विघ्नों के बीच जाकर भी जीव भक्ति देवी की कृपा प्राप्त कर सकता है. जानकी जी को भगवान का संदेश देकर एवं लंका को जलाकर हनुमान जी भगवान के पास वापस आये। तत्पश्चात भगवान सेना सहित लंका में पहुंचे जहां राम-रावण युद्ध प्रारम्भ हुआ जो धर्म-अधर्म, सत्य-असत्य का युद्ध है. भगवान को विजय श्री प्राप्त हुई क्योंकि यह सनातन सिद्धान्त है कि विजय हमेशा सत्य की ही होती है. रावण वध के पश्चात भगवान लौटकर अयोध्या में आए. (नीचे देखे पूरी खबर)

जहां भगवान का राजतिलक किया गया. राम राज्य दोषों, दुर्गुणों, दुःख ददों आदि को मिटाकर सुखी एवं समृद्ध जीवन की आशा से परिपूर्ण है. समस्त भक्तजनों ने रामराज्य तिलक में भाव से सम्मिलित होकर सुखी एवं समृद्ध होकर राष्ट्र की कामना करते हुए एक दूसरे को बधाई दी. श्री राम राजतिलक के साथ ही श्रीरामकथा ने विश्राम प्राप्त किया. राजा राम जी के राज्याभिषेक का मनोरम झांकी के माध्यम से वर्णन किया गया. पूरे कथा में श्रद्धालुओं ने भक्तिमय संगीत में जमकर आनंद लिया और जमकर झूमे. आयोजन में सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व विधायक मेनका सरदार, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता राजेश शुक्ल, ब्रजभूषण सिंह, कल्याणी शरण, सूर्य मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजीव सिंह, महासचिव गुँजन यादव, श्रीराम कथा के प्रभारी कमलेश सिंह, महाभण्डारा के प्रभारी भूपेंद्र सिंह, संजय सिंह, मांन्तु बनर्जी, विनय शर्मा, अखिलेश चौधरी, राजेश यादव, शशिकांत सिंह, दीपक विश्वास, दिनेश कुमार, चंद्रशेखर मिश्रा, मिथिलेश सिंह यादव, रामबाबू तिवारी, सुशांत पांडा, पवन अग्रवाल, अमरजीत सिंह राजा, राकेश सिंह, कुमार अभिषेक, प्रेम झा, कंचन दत्ता, संतोष ठाकुर, सुरेश शर्मा, अजय सिंह, दीपक झा, बबलू गोप, हेमंत सिंह, ध्रुव मिश्रा, अमित अग्रवाल, सतवीर सिंह सोमू, बिनोद सिंह, रमेश नाग, नीलू झा, रूबी झा, ममता कपूर, मृत्युंजय यादव, रंजीत सिंह, पंकज प्रिय, ज्योति, मिथिलेश साव, मुकेश कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading