

जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल के अस्थाई सफाई कर्मी गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. अस्थाई सफाई कर्मचारी वेतन और बोनस के अलावा नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले कई सालों से हर बार आंदोलन करते रहे हैं. उसके बाद भी इनकी मांग पूरी हो रही है. हर बार संवेदक के साथ इनका विवाद होता है उसके साथ वार्ता होती है फिर ये काम पर लौटते हैं. वहीं सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद कोल्हान के सबसे बड़े इस सरकारी अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है. वैसे इस अस्पताल के साथ विवादों का चोली- दामन का साथ रहा है. कभी अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाते हैं, तो कभी अस्पताल की विधि- व्यवस्था पर सवाल उठते हैं. हर बार खामियाजा मरीजों को ही भुगतना पड़ता है. (नीचे भी पढ़ें)

करोड़ों रुपए के सालाना बजट वाले इस सरकारी अस्पताल की सुध लेने का दावा लगभग सभी राजनीतिक दल करते हैं, लेकिन राजनीति तक ही उनके दावे सिमट कर रह जाते हैं. इस अस्पताल का दुर्भाग्य देखिए कि कोल्हान ने तीन-तीन मुख्यमंत्री राज्य को दिए. एक-दो नहीं, पांच-पांच मंत्री ने कोल्हान का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अस्पताल अपनी बदहाली पर आज भी आंसू बहा रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी जमशेदपुर पश्चिम से विधायक हैं और यह अस्पताल अपनी बदहाली का आज भी रोना रो रहा है. बहरहाल लगभग 70 अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद आप स्वतः ही अनुमान लगा सकते हैं कि अस्पताल में साफ- फाई और गंदगी की स्थिति क्या होगी. उधर हड़ताल पर गए अस्थाई सफाई कर्मियों ने मांगे पूरी नहीं होने तक अपना आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया है. साथ ही किसी तरह की कोई अप्रिय घटना होने की जिम्मेदारी संवेदक और अस्पताल प्रशासन पर होने की बात कही.