जमशेदपुर : बारीडीह गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जसपाल सिंह ने कहा कि सीजीपीसी का कार्यकाल गत 26 मई को ही समाप्त हो चुका है। सीजीपीसी किसी सामाजिक अथवा धार्मिक मामले में फिलहाल किसी तरह का कोई फैसला नहीं ले सकती है और वैसे भी सीजीपीसी के अध्यक्ष पद पर गुरमुख सिंह मुखे नहीं रह सकते हैं। उन्हें तख्त श्री हरमंदिर साहिबजी पटना के जत्थेदार ने जूरिडिक्शन के आधार पर पद मुक्त रहने का आदेश दिया हुआ है। उनका आदेश आज भी जारी है। जत्थेदार शहर ने यह भी आदेश दिया था कि वह किसी भी धार्मिक मंच से बोल नहीं सकते हैं और उन्हें किसी प्रकार का सम्मान भी नहीं दिया जा सकता। जसपाल सिंह के अनुसार उन्हें हैरानी है कि बलविंदर सिंह जो खुद बारीडीह कमेटी के कई साल प्रधान रहे हैं, वे जत्थेदार के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। वह ऐसे शख्स के पास पहुंचे हैं, जिसे तख्त ने हर प्रकार की जिम्मेवारी से मुक्त कर रखा है। पंथ, पंथ के निशान साहिब, जत्थेदार एवं उनके आदेश का सिख धर्म में कितना महत्व है। यह बलविंदर सिंह एवं उनकी टीम को समझ लेना चाहिए। उनके आदेश की रक्षा के लिए गुरसिख जान की बाजी लगा सकता है। (नीचे भी पढ़ें)
जसपाल सिंह ने कहा है कि बारीडीह कमेटी में वोटर लिस्ट भी तैयार है, जिस दिन एसडीओ का आदेश मिलेगा कमेटी चुनाव करवा देगी। यह अपने घर का मामला है और हम बलविंदर सिंह के साथ बैठकर इस मामले को सर्वसम्मति से सुलझा लेंगे अगर संगत चाहेंगे तो चुनाव जरूर करवाया जाएगा। कुछ लोग अनावश्यक तरीके से मौजूदा सीजीपीसी कार्यालय में जाकर गलत तरीके से चुनाव की प्रक्रिया के लिए आवेदन कर रहे हैं, जो पूरी तरह असंवैधानिक है। जबकि एसडीओ धालभूम के आदेशानुसार चुनाव जब तक कोविड-19 खत्म नहीं होता । चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। इसी वजह से जमशेदपुर के कई गुरुद्वारे जैसे कि सोनारी, साकची, टिनप्लेट, टुइलाडूंगरी, सीतारामडेरा तथा बारीडीह गुरुद्वारा और कई गुरुद्वारा के चुनाव लंबित हैं। अब सीजीपीसी के लोग पद की लालसा में ऐसे आवेदन को स्वीकार कर रहे हैं जो पूर्णता गलत है। जबकि सीजीपीसी का चुनाव भी तो लंबित है अगर चुनाव प्रक्रिया होगी तब जिला प्रशासन अपनी देखरेख में पारदर्शिता के साथ सभी गुरुद्वारों एवं सीजीपीसी का भी चुनाव करवाएगी। यह संगत भली-भांति जानती है।