जमशेदपुर : झारखंड सहित पूरे देश में आदिम जनजाति अब विलुप्त होने के कगार पर है। कुछ परिवार बचा है तो सरकार ने इनके लिए पिटारा खोल दिया लेकिन यह पिटारा किसके लिए है यह आदिम जनजाति के युवाओं को पता नहीं। एक दर्जन से ज्यादा आदिम जनजाति के युवा एवं युवतियां नौकरी के लिए भटक रहे हैं। सभी ग्रेजुएट की डिग्री हासिल कर उपायुक्त कार्यालय और सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं। (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
आपको बता दें कि पूर्वी सिंहभूम जिला में आदिम जनजातियों की संख्या काफी कम है। विलुप्त हो रही इस जनजाति को बचाने की जरूरत है और इसको लेकर सरकार ढेर सारी योजना लेकर आई, लेकिन इन आदिम जनजातियों तक सरकार की योजना नहीं पहुंच रही है। सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि आदिम जनजाति का कोई उम्मीदवार मैट्रिक पास है उनकी नियुक्ति सीधे होगी। इसके लिए न तो साक्षात्कार देना होगा और न ही इसी प्रकार सरकारी व्यवस्था से गुजरना होगा। लेकिन उपायुक्त कार्यालय के सामने चक्कर लगा रहे और प्रदर्शन कर रहे विलुप्त होती आदिम जनजाति के युवक-युवती नौकरी की तलाश में उपायुक्त कार्यालय पहुंचे हैं।