जमशेदपुर : साकची गुरुद्वारा का चुनाव संपन्न होने के बाद शहर के बहु चर्चित टिनप्लेट गुरुद्वारा में भी चुनाव की डुगडुगी बजने के बाद सरगर्मी तेज हो गयी है. शनिवार को यहां प्रधान तरसेम सिंह सेमे ने 2022-25 के लिए चुनावी अधिसूचना जारी कर दी है. कोरोना को लेकर सरकारी पाबंदी के कारण यहां चुनाव लंबित था. अब तक प्रधान पद के लिए दो खेमों के गुरदयाल सिंह और बलवंत सिंह सेरों के नाम सामने आ चुके हैं. फिलहाल गुरुद्वारा के प्रधान तरसेम सिंह सेमे अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह कर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने अपने कमेटी मेंबरों के साथ गुरुद्वारा के नोटिस बोर्ड में चुनावी प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा किया. चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उम्मीदवारों को उक्त शर्तों का पालन अनिवार्य करना होगा. नोटिस चस्पा करने के दौरान गुरदयाल सिंह, गुरदीप सिंह, कुलदीप सिंह, कमलजीत सिंह, परमजीत सिंह, मंजीत सिंह, सुरजीत सिंह, कश्मीर सिंह, नानक सिंह, बलवंत सिंह, गुरलोच सिंह, सुखपाल सिंह, अवतार सिंह, प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे. (नीचे भी पढ़ें)
उम्मीदवारों के लिए यह नियम जरूरी-
नियमों के मुताबिक उम्मीदवार का टिनप्लेट इलाके में दो साल से रहना अनिवार्य होना चाहिए. उनके नामांकन में गुरुद्वारा इलाके के पांच मेंबरों के हस्ताक्षर होने चाहिए. वह गुरुद्वारा कमेटी के नियमों को पूर्ण रूप से मानता हो और गुरमुखी भाषा का जानकर अर्थात लिखना पड़ने का जानकार होना चाहिए. उम्मीदवार 11 सौ रुपये की स्कूटनी राशि के साथ नामांकन कर सकते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
जानिए चुनावी प्रक्रिया की तिथि-
अधिसूचना के मुताबिक 19 से 26 जून तक शाम 7 से 8.30 तक नामांकन फार्म जमा लिया जायेगा. 28 जून की शाम 7 से 9 बजे तक स्क्रुटनी की जाएगी. नाम वापस लेने के लिए 30 जून का समय निर्धारित किया गया है. प्रेस प्रवक्ता प्रताप सिंह ने बताया कि चुनाव की अगली कार्रवाई से चुनाव कमेटी समय अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी. (नीचे भी पढ़ें)
सेमे खेमे के गुरदयाल व दूसरे खेमे से बलवंत उम्मीदवार
चुनाव सेमे खेमे से गुरदयाल सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं सेमे खेमे से अलग होकर एक अलग गुट बना है, जिन्होंने बलवंत सिंह सेरों को उम्मीदवार उतारा है. फिलहाल, यहां के विपक्षी खेमे से सुरजीत और गुरचरण सिंह बिल्ला गुट ने अभी उम्मीदवार को लेकर अपना पत्ता नहीं खोला है. स्थानीय संगत की नजरें उन पर टिकी हुई हैं. इसके अलावा भी प्रधान पद के लिए और नाम सामने आ सकते हैं. कुल मिलाकर इस बार भी यहां चुनाव की पृष्ठभूमि जातीय आधार पर तैयार हो रही है.