जमशेदपुर : परसुडीह के तुपुडांग गांव में चड़क पूजा कमेटी की ओर से शनिवार को चड़क पूजा का आयोजन किया गया. अटूट आस्था के इस पर्व में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के प्रति अपनी अटूट आस्था निवेदित की. इस दौरान कई भोक्ताओं ने पीठ में लोहे की कील लगाकर 40-50 फीट ऊपर लटक कर भोक्ता टांगा की 200 साल पुरानी परंपरा निभाई. (नीचे भी पढ़ें)
अद्भुत नृत्य को देखने के लिए सैकडों लोग पहुंचे
अटूट आस्था के इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए आयोजन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे. समारोह में विधायक मंगल कालिंदी मुख्य अतिथि एवं पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह विशिष्ट अतिथि रहे. मुख्य अतिथि मंगल कालिंदी ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की इस पूजा में अटूट आस्था है, जिससे वे बूढ़ा बाबा मंदिर पहुंच कर मत्था टेकते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं विशिष्ट अतिथि, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि तुपुडांग में करीब 200 साल से भी अधिक समय में बूढ़ा बाबा की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. यहां लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं, इसी से आसपास ही नहीं, दूर-दूर के लोग भी मन्नतें मांगने तुपुडांग चडक मेला पहुंचते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से बूढा बाबा की पूजा-अर्चना करनेवाले की मुराद अवश्य पूरी होती है. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम को सफल बनाने में भीमसेन भूमिज, शिव हांसदा, अजीत भूमिज, सूरज महतो, सर्वेश्वर भूमिज, बाबूराम महतो, गणेश महतो, सूरज महतो, दशरथ भूमिज, सोमाय बोदरा, फूलचंद भूमिज, सुराई सिदू, केदार नाथ आदि ने अहम भूमिका निभाई. (नीचे भी पढ़ें)
पोइला वैशाख के दिन होती है चड़क पूजा
स्थानीय लोग बताते हैं कि 200 साल पूर्व एक किसान अपने खेत में हल जोत रहा था तभी अचानक गर्जन के साथ बारिश होने लगी. तेज बारिश के दौरान किसान खेत में गिर गया, जिससे उसकी पीठ में लोहे की कील चुभ गई. दर्द से छटपटा रहे किसान ने कील निकालने के लिए हाथ पीछे किए तो खून के बदले उसके हाथों में दूध लग गया. उसी दौरान भगवान शिव वहां प्रकट हुए और किसान को ढेरों आशीर्वाद दिये. उसके बाद से तुपुडांग के ग्रामीण अच्छी फसल और गांव की खुशहाली के लिए पोइला वैशाख के दिन चड़क पूजा आयोजित करते हैं.