Jamshedpur : एलजीबीटी क्यूआइए अभिभावकों की भी परेशानी समझें, स्कूल कॉलेज और समाज में ऐसे बच्चों की स्वीकार्यता का माहौल बने, पीपुल फॉर चेंज और जमशेदपुर क्वीयर सर्किल ने इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन सेमिनार आयोजित

राशिफल

जमशेदपुर : क्या हमारा समाज एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के प्रति सहज है? क्या आज भी इन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी समेत पूरे समाज के हर सेक्टर में वह माहौल मिल पाता है जो सामान्य लोगों को मिलता है? आज ट्रासंसजेंडर, गे, लेस्बियन पर तो फिर भी लोग बातें करने लगे हैं लेकिन क्या ‘क्वीयर’ लोगों और उनके अभिभावकों की परेशानी के प्रति लोग जागरुक हैं? क्या समाज ऐसे अलग लोगों के प्रति संवेदनशील है? कैसे इन लोगों को भी समान अवसर और माहौल मिले उसके लिए पीपुल फॉर चेंज और जेक्यूआर (Jamshedpur queer circle) लगातार काम कर रही है. उसी कड़ी में आज शाम इंस्टाग्राम पर लाइव सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक था–“कमिंग आऊट”. सेमिनार में एलजीबीटीक्यूआइए समुदाय से जुड़े युवाओं, उनके अभिभावकों और अन्य लोगों ने भाग लिया.खासकर ‘क्वीयर’ लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. क्वीयर वे लोग या बच्चे / युवा हैं जो जिस जेंडर में पैदा होते हैं उससे खुद को रिलेट नहीं कर पाते, जैसे शरीर तो लड़की का होता है मगर गतिविधियां, हाव भाव लड़कों की तरह होती हैं क्योंकि भीतरी रुप से वे खुद को लड़का महसूस करते हैं. ठीक वैसा ही कई बार शरीर लड़के का होता है, जन्म लड़के के रूप में होता है, मगर वे खुद को भीतर से लड़की के रूप में महसूस करते हैं.ऐसे लोगों के सामने चुनौतियां और बड़ी होती हैं.सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में स्वीकार संस्था की अरुणा देसाई, क्वीयर अभिभावक शांतो बख्शी और रेणु शर्मा ने भाग लेते हुए क्वीयर अभिभावक के रूप में अपने अनुभव साझा किए. (नीचे भी पढ़ें)

सेमिनार में बड़ी संख्या में सामान्य युवाओं, एलजीबीटीक्यूआइए समुदाय के लोगों/युवाओं खासकर क्वीयर युवाओं ने भाग लिया. एक क्वीयर युवा ने पूछा कि क्या क्वीयर को समाज में क्वीयर के रुप में सामने आना चाहिए?क्या इस तरह की पहचान उजागर करनी चाहिए?इस पर वक्ताओं ने कहा कि सबसे जरूरी है ‘ सेल्फ एसेंपटेंस’…उसके बाद ही समाज का रोल शुरू होता है. आयोजक पीपुल फॉर चेंज के संस्थापक शौविक का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में एलजीबीटीक्यूआइए समुदाय के प्रति न सिर्फ संवेदनशीलता को लेकर जागरूकता फैलाना है बल्कि कालेज, स्कूल और समाज के हर क्षेत्र म़े उनकी स्वीकार्यता को लेकर माहौल बनाना है. (नीचे भी पढ़ें)

पीपुल फॉर चेंज और जेक्यूसी के बारे में
पीपुल फॉर चेंज समाज में हाशिए पर पड़े लोगों के लिए कार्य करती है. एलजीबीटीक्यूआइए समुदाय से होने या किसी भी अन्य कारणों से किसी के साथ भी होनेवाले भेदभाव के खिलाफ संस्था मुखर रहती है. ऐसे लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसर और सामाजिक स्वीकार्यता को लेकर संस्था सक्रिय है. वहीं जेक्यूसी यानी जमशेदपुर क्वीयर सर्किल एलजीबीटीक्यूआइए के तहत आनेवाले ‘क्वीयर’ के लिए काम करती है, जिनके प्रति समाज में शून्य जागरूकता है.

Must Read

Related Articles

Don`t copy text!