जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इग्नू के बीएड प्रोग्राम के तहत चल रही बारह दिवसीय कार्यशाला के आठवें दिन कोऑर्डिनेटर डॉ त्रिपुरा झा ने शीर्षक से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षुओं को संदर्भात्मक चिंतन के लिए प्रेरित किया, साथ ही उन्हें विद्यालय में सहकर्मियों के साथ सामान्य परिचर्चाओं में हिस्सा लेने के संबंध में जानकारी दी.(नीचे भी पढ़े)
आज कार्यशाला के प्रथम व द्वितीय सत्र में संसाधन सेवी डॉ सुशील कुमार तिवारी ने क्रियात्मक अनुसंधान के द्वारा शिक्षण अधिगम की समस्याओं के समाधान में शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने पीपीटी के जरिये रोचक तरीके से उनका ज्ञानवर्धन किया. इस सत्र में प्रशिक्षु अध्यापक –अध्यापिकाओं के लिए विद्यालय में सामूहिक क्रियाकलाप द्वारा एक्शन रिसर्च करने की प्रक्रिया का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया.(नीचे भी पढ़े)
तृतीय सत्र में संसाधन सेवी सोनी कुमारी ने छात्र-अध्यापक को शैक्षिक एवं सह शैक्षिक आकलन के लिए विविध प्रकार के उपकरणों एवं तकनीकों के लिए समझ विकसित की. चौथे सत्र में रिसोर्स पर्सन डॉ सुचिता भुइयां ने बाल अधिकारों की चर्चा करते हुए ऐसी विविध परिस्थितियों पर चर्चा की कि कहां-कहां बाल अधिकारों का उल्लंघन होता है एवं कक्षा में या उसके बाहर की परिस्थितियों में शिक्षक की भूमिका की विस्तृत व्याख्या की.(नीचे भी पढ़े)
समूह में प्रशिक्षु अध्यापक – अध्यापिकाओं ने क्रियाकलापों के जरिये ग्रुप लीडर के माध्यम से अपने-अपने ग्रुप की रिपोर्ट प्रस्तुत की. सत्र को सफल बनाने में डॉ त्रिपुरा झा, नेहा सुरुचि मिंज, प्रभाकर राव, उपेंद्र शर्मा आदि ने अहम योगदान किया.