
गढ़वा (अभय तिवारी) : गढ़वा जिले रंका अनुमंडल में बुनियादी सुविधाओं का किस कदर अभाव है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अनुमंडल क्षेत्र से महज महज पांच किलोमिटर की रेंज मे स्थित आँगन बाड़ी केंद्र पानी के अभाव में बंद हो गया है. अब सवाल यह उठने लगा है कि जब अनुमंडल क्षेत्र के इतने पास में बुनियादी सुविधाओं का यह हाल है तो सुदूर गांव इलाकों का क्या हाल होगा. स्थानीय लोगों के मुताबिक यदि आंगनबाड़ी केन्द्र भी कुछ दिन चला भी तो कुंआ के सहारे ही, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने जिस उदेश्य से इस आंगनबाड़ी केंद्र को संचालित करने का जिम्मा जिसे दिया, वह भी साफ बोल रहे है कि पानी का अभाव पहली समस्या है. वहीं दूसरा समस्या दूरी का भी है. ऐसे में समस्या का समाधान कैसे होगा, यह लोगों की समझ से परे साबित हो रहा है. हालांकि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने से स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ गई है. खासकर, नौनिहालो के भविष्य पर अंधेरा छाता दिखाई पड़ रहा है. खैर इसका भी जवाब अधिकारी ही या सरकार ही दे सकते है कि इतनी बड़ी महत्वपूर्ण योजना का हाल जब यह है तो अन्य जगहों पर चल रही अन्य सरकारी योजनाओं का हाल क्या होगा. आखिर कब आम लोगों की समस्या सुनी जाएगी और कब उसका निकारण होगा. यह गंभीर मामला है. ग्रामीणों के मानें तो यह गांव के टोला से दूर होना और पानी की समस्या है, लेकिन इसके पहले भी सूचना दी गयी. लेकिन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. ताकि नौनिहालों का भविष्य गढ़ा जा सके. इधर जब आंगनबाड़ी के सेविका और सहायिका को पता चला तो वो भी बताने से कतरा रहे थे, लेकिन सच-सच होता है. अब देखना है कि जिला प्रशासन इन समस्याओं से लोगों को निजात दिलाने की दिशा में कब ठोस पहल करेगा.
