रांची/नयी दिल्ली : झारखंड में भारत सरकार द्वारा कराये जाने वाले जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर माहौल गर्माता नजर आ रहा है. हालात यह है कि अब नयी दिल्ली में आदिवासी समुदाय ने अपनी दस्तक दे दी है. नयी दिल्ली में सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी समुदाय से संबंधित कई संगठनों और आम आदिवासियों ने नयी दिल्ली के जंतर मंतर में धरना दिया. झारखंड के आदिवासी समुदाय के बड़े नेता और शिक्षाविद् करमा उरांव ने राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले महा धरना दिया. वैसे आपको बता दें कि झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. देश भर के लगभग एक करोड़ सरना धर्म से जुड़े लोग इसमें शामिल हुए है. दिल्ली में इन लोगों ने अपनी आवाज को बुलंद किया है. केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा है कि सरना धर्म कोड के लिए आर या पार की लड़ाई लड़ेंगे. धर्म कोड एक पहचान है, यह आदिवासियों की धार्मिक आस्था और अस्मिता का सवाल है. यहां यह फैसला लिया गया है कि आदिवासी समुदाय इस मांग को लेकर चुप नहीं रहने वाले है. झारखंड और पश्चिम बंगाल की सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज चुकी है. ऐसे में अगले साल 2022 के फरवरी या मार्च माह में महारैली आदिवासी समुदाय का होगा. इसमें असम, झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में महारैली और सभा करेंगे. सारे लोग रामलीला मैदान में जुटेंगे और आदिवासी द्वारा अपने बहुल राज्यों में आर्थिक नाकेबंदी भी करेंगे. इस आंदोलन में 100 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे.