रांची : झारखंड में इन दिनों प्राइवेट विश्वविद्यालयों की मनमानी चल रही है. इसे लेकर हेमंत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्राइवेट विश्वविद्यालयों पर लगाम लगाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार ने फिलहाल गठित माडल नियमावली में बदलाव किया है. इसके तहत दो नए प्रविधान को मान्यता दिया गया है. इसके लिए प्राइवेट विश्वविद्यालयों को इन्फ्रास्ट्रक्चर कर रिपोर्ट पेश करनी होगी. इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर विश्वविद्यालयों को अगले शैक्षणिक सत्र में नामांकन की अनुमति प्रदान की जाएगी. गौरतलब है कि प्राइवेट विश्वविद्यालय में इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के बावजूद विभिन्न पाठ्यक्रमों में लगातार नामांकन हो रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
ये है नियम
इसके लिए विश्वविद्यालयों के पास लगभग 25 एकड़ जमीन, न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर में प्रशासनिक व 10000 वर्ग मीटर में शैक्षणिक भवन, विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों व कर्मियों के लिए आवास और कम से कम 25 प्रतिशत छात्रों के लिए छात्रावास का होना अनिवार्य है. इनकी शर्तों विश्वविद्यालयों को अगले शैक्षणिक सत्र में नामांकन की अनुमति दी जाएगी. (नीचे भी पढ़ें)
झारखंड सरकार ने प्राइवेट विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए दो वर्ष पूर्व ही जानकारियां मांगी थी, जिसमें केवल दो विश्वविद्यालयों ने रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार के समक्ष पेश किया था. अन्य विश्वविद्यालयों की खामियों को देखते हुए सरकार ने उन सभी विश्वविद्यालयों को दो वर्ष का समय दिया था. इनमें जमीनी के साथ-साथ भवन निर्माण का भी इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल था. परंतु दो वर्ष बाद इन्हें अनदेखा किया है, जिसे देखते हुए सरकार को कड़ा रुख अपनाना पड़ रहा है. इसके निर्देशों पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है केवल राज्यपाल का मोहर लगना के बाद यह नियम लागू होंगे.