रांची : झारखंड के रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन स्थगित कर दिया गया है. बुधवार को इस आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा वार्ता के लिए नियुक्त मंत्री मिथलेश ठाकुर उर्फ मुन्नु ठाकुर के साथ हुई वार्ता के बाद इस आंदोलन को तत्काल स्थगित कर दी गयी. उनके स्थायीकरण को लेकर विचार करने का आश्वासन दिया गया और तत्काल प्रभाव से उन सारे लोगों को दो साल के लिए सेवा विस्तार दे दिया गया. इस मंजूरी के बाद सारे सहायक पुलिसकर्मी अपने जिलों की ओर रवाना होने लगे है. इन सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन 12 सितंबर से चल रहा था, जिसमें राज्य के 12 जिले के लगभग 2350 पुलिसकर्मी शामिल थे. ये लोग सरकार से स्थायी नौकरी देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर गारंटी देने और सेवा विस्तार के साथ ही स्थायीकरण का फैसला लेने की मांग कर रहे थे. इस दौरान इन लोगों के आंदोलन पर लाठीचार्ज भी कर दी गयी थी जबकि प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने आंदोलन का समर्थन किया था और उनको हटाये जाने का विरोध किया था. 2017 में 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली हुई थी, जिनको दस हजार रुपये मानदेय दिया जाता था. इसमें से 2350 लोगों ने नौकरी में योगदान दिया था. इन सहायक पुलिसकर्मियों का कहना था कि नियुक्ति के वक्त यह बताया गया था कि तीन साल बाद उनकी सेवा स्थायी हो जायेगी, लेकिन तीन साल पूरा होने के बाद भी स्थायीकरण नहीं किया गया है और ना ही सेवा विस्तार ही दिया गया है.