रांची : भोजपुरी, मगही, मैथिली व अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल नहीं किये जाने के विरोध में राजधानी रांची में अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका मंच की ओर से आहूत बंद का रांची में पहले दिन रविवार को असर देखने को नहीं मिला. बंद समर्थक सड़कों पर निकले व दुकानदारों से बाजार बंद करने को कहा. कुछ देर तक दुकानदारों ने शटर गिरा दिये. फिर उनके जाने के बाद दुकानें खोल ली. बंद के दौरान आम दिनों की तरह जनजीवन सामान्य रहा. हालांकि बंद को लेकर रांची व आसपास के इलाकों में पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही. विधि व्यवस्था को लेकर अलग-अलग इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला गया. मौके पर रैफ और जिला के जवान शामिल थे. हालांकि बंद के दौरान भी आम दिनों की तरह ही जन-जीवन सामान्य रहा. (नीचे भी पढ़ें)
शहर के कई थानेदारों ने अपने अपने थाना क्षेत्रों में मोर्चा संभाल रखा था. इधर नगड़ी थाना क्षेत्र में भी फ्लैग मार्च निकाला गया. थाना प्रभारी विनोद राम के नेतृत्व में नगड़ी प्रखंड कार्यालय से कटहल मोड़ तक फ्लैग मार्च निकाला गया. बंदी को देखते हुए यह फ्लैग मार्च किया जा रहा है. मौके पर पुलिस निरीक्षक नगड़ी राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि आज और कल दो दिन की बंदी को देखते हुए यह फ्लैग मार्च किया जा रहा है. उन्होंने कहा अगर आपको सरकार की नीतियों से कोई आपत्ति है तो आप शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. अगर आप कानून को तोड़ते हैं या अशांति फैलते हैं तो आप के विरोध में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा जगरनाथपुर थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह अपने इलाके में फ्लैग मार्च किया, वही धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार भी थाना क्षेत्र में रैफ के प्रभारियों के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला. भाषा विवाद को लेकर बंदी के मद्देनजर बीआईटी ओपी क्षेत्र में थाना प्रभारी विपुलि ओझा के नेतृत्व में फ्लैग मार्च किया गया.