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Jharkhand BIG initiative – झारखंड में कमाल का काम, लिव इन रिलेशनशिप ”ढुकू” में रह रही 50 जोड़ियों की हुई एक साथ शादी, जानें क्या है पूरा मामला

राशिफल

रांची : झारखड में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले करीब 50 जोड़ियों की एक साथ शादियां हो गयी. उनको सामाजिक और कानूनी मान्यता मिल गयी. झारखंड के खूंटी जिला में यह अनोखा कार्यक्रम हुआ है, जिसमें 50 ऐसी ही जोड़ियों की शादी करा दी गयी है. खूंटी के डीसी शशिवंजन और डीडीसी नीतीश कुमार सिंह समेत कई लोगों की मौजूदगी में सबकी शादी करायी गयी. झारखंड में ऐसे कई जोड़ियां है, जो लिव इन रिलेशनशिप में रहते आ रहे है. जनजातीय बहुल इलाकों में कई ऐसी जोड़ियां है, जो 40 से 50 साल से लिव इन रिलेशनशिप में रहते है, लेकिन उनको कानूनी या सामाजिक मान्यता नहीं है. जनजातीय क्षेत्रों में इस लिव इन रिलेशन को ”ढुकू” कहा जाता है. ढुकू का अर्थ झारखंड में घुसना या ढुकना है. अब एक मुहिम स्व्यंसेवी संस्था निमित की ओर से अभियान चलाया गया है, जिसके तहत 50 ऐसी जोड़ियों की शादी करायी गयी. (नीचे भी पढ़ें)

सबको कानूनी मान्यता दिलायी गयी. आपको बता दें कि झारखंड में ढुकू यानी लिव इन रिलेशनशिप के केस ज्यादा होने की वजह है कि वे लोग आर्थिक तौर पर मजबूर है क्योंकि आदिवासी समाज में यह अनिवार्य परंपरा है कि शादी के मौके पर पूरे गांव के लिए भोज का इंतजाम किया जाात है. यह भोज में मटन और चावल के साथ हड़िया का इंतजाम नहीं होता है. ऐसे कई लोग गरीबी की वजह से यह व्यवस्था नहीं कर पाते है, जिस कारण वे लोग कानूनी शादी नहीं कर पाते है और सामाजिक मान्यता नहीं मिल पाती है, जिसके बाद लड़के लड़की शादी के बगैर ही साथ रहने लगते है. कई लोगों के बच्चे भी हो गये है. लेकिन शादी नहीं होने के कारण इन संतानों को जमीन या जायदाद पर अधिकार नहीं मिल पाता है और बच्चों को पिता या माता का नाम नहीं मिल पाता है. (नीचे भी पढ़ें)

ढुकू के तौर पर रह रहे पुरुष और महिला को सामाजिक मान्यता नहीं होती है. अगर कोई महिला बिना शादी किये ही किसी पुरुष के घर में रहती है तो उसे ढुकनी के नाम से जाना जाता है. ऐसे जोड़ों को ढुकू कहा जाता है. ऐसी महिलाओं को आदिवासी समाज सिंदूर लगाने की इजाजत नहीं देता है. गुरुवार को खूंटी में हुए समारोह में 50 जोड़ियों की शादियां करायी गयी. लिव इन रिलेशन वालों को कानूनी मान्यता दी गयी. खूंटी डीसी शशिरंजन ने बताया कि सारी जोड़ियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ा जायेगा और सबको लाभ दिलाया जायेगा. निमित संस्था की सचिव निकिता सिन्हा ने बतााय कि झारखंड के जनजातीय इलाकों में ऐसी कई जोड़ियां चिन्हित की गयी है, जो वर्षों से ढुकू रिश्ते के नाम पर रहते है, लेकिन आज तक उनको कानूनी या सामाजिक मान्यता नहीं मिल पायी है. उनकी शादी मान्य नहीं हुई है. ऐसे लोगों को मान्यता दिलाया जायेगा.

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