रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की लापरवाही सामने आई है. बुधवार देर रात को रिम्स कोविड वार्ड में ऑक्सीजन खत्म हो गया, जिससे मरीज छटपटाने लगे. ऑक्सीजन खत्म होने के कारण अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और परिजन ने हंगामा किया. बताया जाता है कि हाइफ्लो ऑक्सीजन पर 20 मरीज थे. आक्सीजन की कमी के कारण इलाजरत दो मरीजों ने दम तोड दिया. इसके बाद मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इस घटना से रिम्स प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रबंधन को इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि हाइफ्लो ऑक्सीजन पर जो मरीज थे उसमें कितना ऑक्सीजन बाकी है, न इसकी खबर अस्पताल प्रबंधन को थी और न ही उस वार्ड के इंचार्ज को जब हंगामा मचा तब पता चला कि वार्ड के ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन बचा ही नहीं है.
इस संबंध में मृतक के परिजनों बताया पांच मिनट के अंदर नाक से आ गया खून निकलने लगा. मरीज के एक परिजन ने बताया कि जब ऑक्सीजन खत्म हुआ तब वह पति के पास ही बैठी थी. ऑक्सीजन खत्म होते ही उनके पति तड़पने लगे. पांच मिनट के अंदर नाक से खून आना शुरू हो गया था. नर्स को बताने पर एक छोटा ऑक्सीजन सिलिंडर लाकर लगाया गया, लेकिन वह भी खाली था. बलून पंप करने के बाद भी वह काम नही कर रहा था बगैर ऑक्सीजन के वे एक घंटे से अधिक तड़पते रहे.रिम्स में हर दिन 40-50 सिलिंडर का खर्च है. अब लापरवाही का ठीकरा रिम्स प्रबंधन एजेंसी के मत्थे फोड़ रहा है. रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने बताया कि एजेंसी की लापरवाही से रात में ऑक्सीजन अचानक खत्म होने से अफरातफरी का माहौल बना हुआ था. उन्होंने बताया कि एजेंसी हर रात स्टॉक में 40 से 50 सिलेंडर रिफिल करती है, लेकिन किन्हीं कारणों से मंगलवार को सिलेंडर उपलब्ध नही कराया गया. इसकी जांच करायी जाएगी. उन्होंने बताया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.