रांची: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने झामुमो और कांग्रेस पर जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है. गुरुवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक के उद्घाटन सत्र को संबांधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के सत्ताधारी दलों ने जिस जनजातीय समाज से वोट हासिल किए और चुनाव जीतते ही उनका शोषण शुरू कर दिया. आदिवासी समाज पर प्रदेश में सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहें हैं.समीर उरांव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज उग्रवाद चरम पर है, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है. सरकार में बैठे लोग संसाधनों को लूटने और अपनी झोली भरने में लगे हैं. कहा, जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब हर वर्ग के प्रति भाजपा ने रचनात्मक विकास के कार्य किए. लेकिन आज झामुमो-कांग्रेस ने सारे विकास कार्यों को ठप कर दिया. किसानों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना, एक रुपये में महिलाओं के नाम होने वाली संपत्ति की रजिस्ट्री सब बंद हो चुकी है. आदिवासी विकास के तमाम काम इस सरकार में ठप पड़े हैं. मोर्चा 100 से ज्यादा जनजातीय मतदाता वाले बूथ को जनजाति बूथ के रूप में चिन्हित करेगी. फिर इन बूथों पर संगठन की पकड़ मजबूत बनाई जाएगी. भाजपा एसटी मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने कहा कि बीजेपी की मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में जनजातीय समाज के लिए काफी काम किया है, लेकिन हेमंत सरकार ने राज्य में जनजातियों के विकास को ठप कर दिया. आदिवासियों के साथ विश्वासघात हुआ.
सभी जिलों में रहने वाले जनजातियों पर अत्याचार, दुराचार और हत्याएं हो रही है. प्रदेश के संसाधन को राज्य कोष में डालने के बजाये सरकार के मंत्री अपने कोष में डाल रहे हैं. केंद्र की योजनाओं का भी पैसा राज्य सरकार हड़पने का काम कर रही है. भारत सरकार ने वन धन योजना का पैसा दिया उसका भी उपयोग नहीं हुआ. यह सरकार सिर्फ अपना विकास कर रही है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को अपने दायित्वों को समझना होगा. मोदी सरकार की उपलब्धियों और राज्य सरकार की नाकामियों को जनता के बीच लेकर जाना होगा. तभी आने वाले दिनों में भाजपा झारखंड में प्रचंड बहुमत से सरकार बना सके.भाजपा एसटी मोर्चा कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव भी रखा गया. पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा कि बीजेपी की सरकार ने जनजातियों के लिए काफी योजनाएं बनाई. आदिवासियों के लिए अलग जनजाति आयोग भाजपा ने ही बनाया. भाजपा ने ही अलग जनजातीय मंत्रालय बनाया. कोरोना काल में पार्टी में निशुल्क वैक्सीनेशन अभियान चलाया, लेकिन राज्य की गठबंधन सरकार यहां आदिवासियों के अस्तित्व को मिटाने में लगी है. इस सरकार के सत्ता में आते ही विधि व्यवस्था चरमरा गई. समाज विरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ गया. आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ गया. पार्टी के कार्यकर्ताओं को इन सभी जानकारियों को घर-घर तक पहुंचाना होगा तभी संगठन मजबूत होगा.