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Jharkhand bokaro forest land dispute : बोकारो के कांड्रा में जमीन पर कब्जे को लेकर रैयत व वन विभाग आमने-सामने, रैयत जमीन के लिए आत्मदाह पर उतारू, विभाग करा रहा नगर वन का निर्माण

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अनिल कुमार/बोकारो :  बोकारो को चास वन प्रमंडल क्षेत्र के कांड्रा मौजा की 16.96 एकड़ जमीन पर स्वामित्व को लेकर वन विभाग व स्थानीय रैयत आमने-सामने आ गये हैं. एक तरफ रैयत बुधवार को जमीन पर कब्जा दिलाये जाने की मांग को लेकर आत्मदाह करने पर उतारू दिखे तो वहीं वन विभाग उनके खिलाफ वन भूमि पर काम करने से रोकने व वन कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा रहा है. इस सिलसिले में तीन रैयतों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है. (नीचे भी पढ़ें)

बता दें कि चास वन प्रमंडल के कांड्रा मौजा स्थित 16.96 एकड़ जमीन को लेकर वन विभाग एवं स्थानीय रैयतों के बीच इन दिनों तनातनी चल रही है. कांड्रा वन प्रमंडल के पदाधिकारी उक्त जमीन वन विभाग की बताते हुए वहां काम करा रहे हैं, तो वहीं रैयतों ने गुरुवार को जमीन पर दावा पेश करते हुए उस पर कब्जे के लिए आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिसे पुलिस कर्मियों ने नाकाम कर दिया. वन अधिकारियों ने इस संबंध में वन भूमि पर काम रोकने और वन कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट करने, वन भूमि पर कब्जा की कोशिश करने के आरोप में दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज कराई हैं. इस संबंध में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. डीएफओ ने कहा कि उक्त जमीन अधिसूचित वन क्षेत्र है एवं वहां भारत सरकार की महती योजना के तहत नगर वन का निर्माण कराया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

डीएफओ ने कहा कि केंद्र से फंड लेट से आने के कारण काम देर से शुरू हुआ. काम अच्छे से और तेजी चल रहा था कि जमीन पर कब्जा करने वाले कुछ असामाजिक तत्वों ने रात में लेबर को डिस्टर्ब कर दिया. मना करने पर वन कर्मियों के साथ हाथापाई भी की. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है. वहीं कर्मियों से हाथापाई और गाली गलौज के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग उक्त जमीन को लेकर टाइटल सूट में गए हैं, लेकिन कोर्ट ने अब तक काम पर रोक नहीं लगायी है, इसलिए काम चल रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

वहीं कांड्रा के रैयत निरंजन सिंह चौधरी ने बताया कि 12 साल से मामला कोर्ट में है. उनकी पुश्तैनी जमीन पर वन विभाग काम करा रहा है. सारा दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी वन विभाग मनमानी कर रहा है. कोर्ट का फैसला आने के बाद विभाग जमीन पर काम करे.

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