
रांची : झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा सूचित किया गया है कि मंत्रिपरिषद् की बैठक रांची में, गुरुवार को शाम चार बजे से झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) स्थित मंत्रिपरिषद् कक्ष में होगी. इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है. बताया जाता है कि राज्य में सरकार अहम फैसला लेने के लिए यह कैबिनेट की बैठक बुलायी है, जिसमें नियुक्ति नियमावली जैसे अहम फैसले ले सकती है. कई विभागों के नियमावली को लेकर संशोधन किया जाना है, जिसका प्रस्ताव भेजा गया है. इसको लेकर कैबिनेट अहम फैसला लेगी ताकि इस साल के अंत तक सारी बहालियां हो सके. दूसरी ओर, पेट्रोल और डीजल पर वैट को घटाने का अहम फैसला झारखंड सरकार कैबिनेट में ले सकती है. इसकी बड़ी वजह है कि उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस भी वैट को घटाने का डिमांड कर रही है जबकि भाजपा भी सरकार को इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है. वैसे भी गैर भाजपा शासित राज्यों में भी हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर वैट की कमी लायी है. छत्तीसगढ़ में डीजल पर दो फीसदी जबकि पेट्रोल पर 1 फीसदी वैट में कमी ला दी गयी है. इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार के खजानें पर एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा, लेकिन फिर भी यह साहसिक कदम जनहित में उठाया गया है. नये वैट के बाद पेट्रोल में 90 पैसे की कमी आ चुकी है जबकि डीजल में 1.48 रुपये की कमी आयी है. लेकिन झारखंड में वैट में कमी नहीं लायी गयी है. झारखंड के बगल में बिहार की सरकार ने पहले ही वैट पर कमी कर चुकी है. ओड़िशा की सरकार ने कमी ला दी है. अकेले झारखंड और बंगाल की सरकार ने इस एरिया में अपना वैट नहीं घटाया है, जिस कारण पेट्रोल और डीजल का रेट कम नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में बिहार, ओड़िशा, कर्नाटक, पुड्डूचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, मध्यप्रदेश, गुजरात, गोवा, दादरा एवं नागर हवेली, दमन दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख में राज्य सरकार ने वैट की कमी की है. इसके बाद से उपरोक्त राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में उक्त राज्यों में कमी आयी है. लेकिन झारखंड में अब तक इसमें कमी नहीं लायी गयी है. वैसे यहां भी कांग्रेस के समर्थन से झामुमो की हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है, जिसमें राजद भी पार्टनर है. वैसे कांग्रेस यह मांग कर रही है कि झारखंड में वैट में कमी लायी जाये, यहीं वजह है कि तत्काल फैसला लिया जा रहा है. उम्मीद है कि गुरुवार की बैठक में वैट में कमी लाने पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.