रांची: झारखंड केंद्रीय विवि, रांची की विभिन्न समस्याओं को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को आलाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में राज्यपाल ने इस दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया. राज्यपाल झारखण्ड केन्द्रीय विवि के भूमि हस्तांतरण संबंधी समस्याओं, विवि के स्थायी परिसर में पहुंच पथ के निर्माण एवं विवि के स्थाई परिसर में जलापूर्ति की व्यवस्था करने को कहा है. इस दौरान विवि प्रबंधन ने राज्यपाल को झारखंड केन्द्रीय विवि के 70.71 एकड़ गैरमजरूआ भूमि के हस्तांतरण के बारे में बताया. कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा झारखंड केन्द्रीय विवि के स्थायी परिसर निर्माण के लिये आवश्यक 70.71 एकड़ गैरमजरूआ भूमि को हस्तांतरित किया जाना है, जिसमें 59.97 एकड़ गैरमजरुआ भूमि के वाद का निस्तारण अंचलाधिकारी, कांके स्तर पर हो गया है.(नीचे भी पढ़े)
दाखिल-खारिज की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, परंतु ग्रामीणों के विरोध के कारण उक्त 59.97 एकड़ गैरमजरुआ भूमि विवि को आवंटित नहीं की गई है. शेष 10.74 एकड़ गैरमजरुआ भूमि के हस्तांतरण के लिये कार्रवाई अभी लंबित है. इस अवसर पर लगभग 101 एकड़ गैरमजरुआ भूमि के दोहरी जमाबंदी रद्द करने की बात पर भी चर्चा हुई. बैठक में अपर मुख्य सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग एल खियांग्ते, उपायुक्त, रांची राहुल कुमार सिन्हा एवं झारखंड केंद्रीय विवि, रांची के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास के साथ बैठक कर बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी भी उपस्थित थे.
क्या है मामला: विदित हो कि पूर्व में विवि को 319.28 एकड़ गैरमजरुआ भूमि हस्तांतरण की गई थी. सत्यापन के बाद पाया गया था कि लगभग 101 एकड़ गैरमजरुआ भूमि की दोहरी जमाबंदी हुई है. रैयती भूमि के हस्तांतरण के सबंध में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार चेड़ी, मनातु एवं सुकुरहुट्टू में कुल 139.17 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर विवि को हस्तांतरित किया जाना है.(नीचे भी पढ़े)
इसके लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार के अनुसार प्रथम चरण में 15.82 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर झारखण्ड क्रेन्द्रीय विवि को हस्तांतरित किया जाना है. 15.82 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण पर चर्चा हुई. विदित हो कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा कुल 64.90 करोड़ रूपये जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, रांची को निर्गत किया जा चुका है. 139.17 एकड़ रैयती भूमि में से शेष 123.35 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबित है.