रांची : लॉकडाउन के दौरान असमाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राँची में सर्वदलीय बैठक हुई. सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखण्ड गरीब राज्य है अधिकतर लोग खेतिहर और मजदूर वर्ग के लोग है और ऐसी सम्भावना है कि झारखण्ड में कोरोना कभी भी विकराल रूप ले सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से मदद की मांग की गयी है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आकलन के आधार पर खबरे ना दिखाने की अपील मीडिया से की. उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना देर से आई है लेकिन जरुरत है सावधान रहने की.
उन्होने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सुझाव मिले है. जरूरत के अनुसार निर्णय लिए जायेंगे. लेकिन लॉक डाउन बढ़ाने को लेकर उन्होंने कुछ भी बयान नही दिया. हालाँकि स्थिति के अनुसार बाकी राज्यों में भी लॉकडाउन बढाया जा रहा है, जिसको देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि झारखण्ड में भी लॉकडाउन बढ़ सकता है क्योकि झारखण्ड में मरीजो की संख्या दिन पर दिन बढ़ते जा रही है. वैसे इसको लेकर सारे सांसदों और विधायकों के साथ भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मीटिंग करने वाले है जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को कैबिनेट बैठक करेंगे, जिसके बाद ही लॉकडाउन बढ़ाने या हटाने पर किसी तरह का कोई फैसला लिया जायेगा.
वैसे मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लॉकडाउन को लेकर वे लोग संजिदा है और हटाना है या बढ़ाना है, जिस पर हालात को देखकर अंदाजा लगा लिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग अपने रोग को छुपा रहे हैं वे मौत को दावत दे रहे हैं. सीएम ने ऐसे लोगों हाथ जोड़कर जांच करवाने की अपील की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन टूटने के बाद राज्य में बाहर से करीब 7 लाख लोग आएंगे. उन्हें व्यवस्था देने की तैयारी चल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व ऐसी हरकतें कर रहे हैं जिससे समस्या उत्पन्न हो रही है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सांसद व विधायकों से मुख्यमंत्री ने लिये सुझाव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी सांसदों और विधायकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुझाव लिये. इस दौरान जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने मुख्यमंत्री निम्नांकित विषयों को प्रमुखता से उठाया
- संभावित कोरोना मरीजों की जांच की मात्रा राज्य/जिला में काफी कम है, जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाया जाए निजि अस्पतालों को भी जांच करने का अनुमति प्रदान किया जाए।
क) रांची में प्रतिदिन लगभग 100 जांच हो रहा है और पूर्वी सिंहभूम में लगभग 40 इसलिए जांच मशीन की संख्या बढ़ायी जाए।
ख) टीएमएच ने जांच प्रयोगशाला के लिए आइसीएमआर में आवेदन किया है। मुख्यमंत्री स्वयं या स्वास्थ्य मंत्री के माध्यम से इसका अनुमोदन यथाशीघ्र करवाएँ। - जांच करने के बाद जब तक मरीज का रिपोर्ट कोरोना निगेटिव नहीं आ जाए तबतक मरीज को अपने संरक्षण/देखरेख में रखा जाए।
- क्वारंटाइन बेड की संख्या बहुत कम है इसकी संख्या बढ़ायी जाए। आईटीआई कॉलेज, पोलिटेक्निक कॉलेज, होस्टेल राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य भवन को अधिगृहित कर अतिरिक्त क्वारंटाइन बेड बनाने में उपयोग किया जाए।
4.सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मीयों को पीपीई किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए। - नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत ये तीनों निकाय नगर विकास विभाग, जो माननीय मुख्यमंत्री जी के अधिन है। इस विभाग को अबतक कोई स्पष्ट दिशा निर्देश दिया जाए।
क) 18 वर्ष से अधिक आयु वाले जिनके पास आधार कार्ड हो प्रतिव्यक्ति 3 किलो अनाज अप्रेल माह के लिए दिया जाए। - 7 लाख की संख्या में झारखंडवासी राज्य से बाहर है। राज्य सरकार के द्वारा जो नंबर संपर्क के लिए दिया गया है, उस नंबर से रिस्पांस नहीं मिल रहा है।साथ ही कई वरिष्ठ आई0ए0एस अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे हैं। इस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
- जिस प्रकार केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव प्रतिदिन पुरे देश के मामले का नियमित रूप् से विवरण (Breifing) दे रहे हैं उसी के तर्ज पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव द्वारा प्रतिदिन राज्य के मामलों की जानकारी दी जानी चाहिए।
- लॉकडाउन का टाईम सुनिश्चित किया जाए ताकि राशन/सब्जी खरीदने हेतु लोकडाउन का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।