जमशेदपुर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव दो दिवसीय प्रवास के बाद जमशेदपुर से कड़वी यादों को समेटे वापस चले गए. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बिखरे कुनबे को एक सूत्र में बांधने का सपना लिए रविवार को डॉक्टर रामेश्वर उरांव जमशेदपुर दौरे पर पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर उरांव के सामने जो कुछ भी हुआ, उससे कांग्रेस का भविष्य झारखंड में तय हो गया है. हालांकि, रविवार से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव कांग्रेसियों में गुटबाजी की बात को सिरे से खारिज करते रहे, लेकिन अंततः वही हुआ जिसका डर था. डॉक्टर उरांव के सामने ही टिकट की चाह लिए सुबह से ही जमशेदपुर सर्किट हाउस का परिक्रमा काट रहे कांग्रेसियों ने अपना आपा खोया और अपने अपने पसंद के नेताओं की तरफ से एक दूसरे को धक्का-मुक्की, गाली गलौज कर दी. यहां तक कि एक दूसरे को देख लेने तक की धमकी दे डाली.
स्थिति ऐसी उत्पन्न हुई कि स्वयं प्रदेश अध्यक्ष को मध्यस्था करनी पड़ी. बताया जाता है कि कांग्रेस के नेता फिरोज खान उनसे मिलने के लिए जा रहे थे. इसी बीच उन्होंने एक पुराने कांग्रेसी को धक्का दे दिया. इसके बाद दोनों ओर से गाली-गलौज होने लगी. मारपीट होने की नौबत आ गयी, जिसके बाद खुद प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव को हस्तक्षेप करना पड़ा. हद तो यह हो गई कि इतना कुछ होने के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष पूरे मामले को पारिवारिक मामला बताते हुए पल्ला झाड़ा और निकलते बने. आपको बता दें कि मारपीट की घटना से थोड़ी देर पहले ही प्रदेश अध्यक्ष ने बंद कमरे में कांग्रेसियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया था और साफ शब्दों में कहा था कि उनके राज में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन बंद कमरे से बाहर होते ही गुरु दीक्षा का ऐसा प्रभाव पड़ा कि कांग्रेसियों ने प्रदेश अध्यक्ष को अपना वास्तविक चेहरा दिखा दिया.