जमशेदपुर : कांग्रेस के झारखंड प्रदेश को लगातार दूसरी बार डॉक्टर मिला है. डॉक्टर यानी एमबीबीएस या पीएचडी किया हुआ डॉक्टर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर डॉ अजय कुमार ने लंबी पारी खेली थी. वे भी आइपीएस के बाद राजनीति में आये और खुद एमबीबीएस डॉक्टर भी रहे थे. लेकिन कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी के बाद उनको भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कांग्रेसियों के बीच आपस में ही मारपीट हो गयी थी, जिसके बाद आहत होकर डॉ अजय कुमार जैसे तेज-तर्रार आइपीएस ऑफिसर को प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब नये प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव है. वे भी डॉक्टर है, लेकिन पीएचडी किये हुए है. सबसे बड़ी बात है कि वे भी आइपीएस रहे है और झारखंड पुलिस में वे एडीजी रैंक की नौकरी करने के बाद पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आये है. उनको अब प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन उनके सामने भी कांग्रेसी नहीं माने और जूतम-पैजार शुरू हो चुका है. इसके बाद डॉ रामेश्वर उरांव खुद भी परेशान हो गये होंगे. हालांकि, वे खुद कुछ कहने से बच रहे है. अब सारा दारोमदार डॉ रामेश्वर उरांव पर है और देखने वाली बात यह होगी कि यह डॉक्टर कांग्रेस का इलाज कर सकेगा या नहीं, आइपीएस अनुशासित पार्टी बनाकर रख सकेगा या नहीं. पहले से ही कमजोर हो चली कांग्रेस में क्या नयी जान फूंकने में डॉ रामेश्वर उरांव कामयाब हो सकेंगे या फेल करेंगे. वैसे कांग्रेस के वर्तमान हालात को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस को एक बड़ी सर्जरी और इनकाउंटर की दरकार है ताकि पार्टी सही जगह पर संचालित हो सके और सही तरीके से चल सके.