सरायकेला : खतरनाक वायरस के संक्रमण को रोकने की दिशा में भारत के ग्रामीण बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. एक ओर जहां शहरी लोग लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे, वहीं जमशेदपुर और आसपास के गावों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां हमारे पड़ताल में हमने पाया कि गावों में पूरी तरह से लोग अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं. आपको बता दें कि आम दिनों में जहां छुट्टियों एवं अन्य दिनों में गावों के चौपाल पर लोग ताश खेलते या अन्य कामों में लीन नजर आते हैं वहीं वर्तमान परिस्थिति में गावों का नजारा बिल्कुल बदला- बदला नजर आ रहा है. वैसे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यही एकमात्र उपाय है, जिसका गांवों के लोग बखूबी पालन कर रहे हैं. जरूरत है तो शहरी क्षेत्र के लोगों को इसे अमल में लाने की.
कोरोना के खलनायकों से सावधान..
पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है. झारखंड में भी लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, लेकिन अभी भी कुछ लोग कोरोना के संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझ पा रहे और बेवजह घरों से बाहर निकल रहे हैं. वैसे लोगों की लापरवाही कहीं जानलेवा ना बन जाए. हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर के पेट्रोल पंप संचालकों की. आपको बता दें कि लॉक डाउन के दौरान पेट्रोल पंप को अनिवार्य सेवा में रखा गया है, ताकि कोरोना के कर्मवीरों को किसी तरह की परेशानी ना हो. उधर लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कुछ लोग खलनायक की भूमिका में नजर आ रहे हैं. जो जबरन पेट्रोल पंप में अनावश्यक भीड़ जुटाकर तेल लेने पहुंच रहे हैं. जिसका पेट्रोल पंप संचालकों ने कड़ा विरोध किया है, वैसे पेट्रोल नहीं देने पर ये खलनायक मारपीट झगड़ा- लड़ाई पर भी उतारू हो रहे हैं. वहीं पेट्रोल पंप संचालकों ने ऐसे लोगों पर सरकार और जिला प्रशासन से सख्ती बरतने की मांग की है. इनका कहना है कि सरकार ऐसे लोगों को पेट्रोल ना देने संबंधी अधिसूचना जारी करें. क्योंकि ऐसे लोगों से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. वैसे इनकी मांग जायज भी है.
ऐसे कैसे लड़ेंगे कोरोना से, आदित्यपुर में सफाई तक नहीं
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर देशभर के कर्मवीर दिन रात जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. चाहे अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी हों या पुलिस प्रशासन के अधिकारी अथवा नगर निगम के सफाई कर्मी. किसी के भी कार्यक्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही इस जंग में कहीं कोई चूक ना रह जाए. इसलिए अभी भी जरूरत है जमीनी स्तर पर और मेहनत करने की. हम बात कर रहे हैं सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की. जहां बीते 5 दिनों से लगातार क्षेत्र को सैनिटाइज किया जा रहा है, लेकिन अभी भी सड़कों पर गंदगी का अंबार बिखरा पड़ा हुआ है. ऐसे में निगम की सारी मेहनत कहीं बेकार न चली जाए. इसलिए जरूरत है सड़कों पर बिखरे कचरों को निष्पादन करने का.