
रांची: पिछले 15 दिनों से पूरे झारखंड में बीयर की किल्लत है. नई शराब व्यवस्था बनने के बाद से बाजार में बीयर आउट आफ स्टाक हो गया. झारखंड में बीयर की प्रतिदिन करीब चार लाख पेटी की खपत है, जबकि थोक विक्रेता को महज 35 से 40 हजार पेटी ही बीयर ही उपलब्ध हो पा रहा है. रांची में बीयर की राशनिंग शुरू हो गई है. सरकारी शराब दुकान में फिलहाल बीयर सप्लाई नहीं के बराबर हो रही है. अधिकतर बीयर सिर्फ बार संचालक को मिल रहा है. शुक्रवार को रांची जोन को तीन हजार पेटी बीयर मिले जिसमें खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला जिला को भी आपूर्ति की गई. राजधानी के लिए 13 सौ पेटी बीयर आवंटित किया गया था. स्टाक के अनुसार बार संचालकों को बीयर का कोटा तय कर दिया गया, लेकिन तय कोटा के अनुरूप भी बार संचालकों को बीयर नहीं दिए गए. जमशेदपुर के साकची स्थित एक बीयर बार संचालक ने बताया कि उत्पाद विभाग बीयर के कोटा तय करने से लेकर आपूर्ति तक में मनमानी कर रहा है. तय कोटा के अनुसार बीयर लेने में भी पैरवी का खेल चल रहा है जिसकी जितनी बड़ी पैरवी उसे उतना बीयर मिल रहा है. नयी शराब बिक्री की व्यवस्था आरंभ करने से पहले स्टाक का ध्यान नहीं रखा गया. जो पुराने व्यवसायी थे उन्होंने औने पौने दाम में बीयर बेच दी. स्टाक पूरा समाप्त हो गया. अब गर्मी में खपत बढ़ गई है और थोक विक्रेता आपूर्ति कर पाने अक्षम साबित हो रहा है. उत्पाद आयुक्त के अनुसार गर्मी में अन्य राज्यों में भी बीयर की किल्लत है. स्टाक बनाने में अभी दो सप्ताह का समय लग सकता है.
झारखंड के रामगढ़ में बनता है किंगफिशर
फिलहाल झारखंड में किंगफिशर और गाड फादर ब्रांड की बीयर ज्यादा सप्लाई है. किंगफिशर का एक यूनिट रामगढ़ में स्थापित है, जहां से प्रतिदिन आठ हजार पेटी बीयर बनता है. वहीं, गाड फादर जम्मू कश्मीर से आता है. उत्पाद विभाग ने किंगफिशर युनिट को उत्पादन बढ़ाने को कहा है.